Uttarakhand UCC Bill: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार 6 फरवरी 2024 को समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक विधानसभा में पेश किया. विधेयक पेश करने के बाद सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने पूरी जिम्मेदारी के साथ समाज के सभी वर्गों को साथ लेते हुए समान नागरिक संहिता का विधेयक विधानसभा में पेश कर दिया है. सीएम ने कहा कि देवभूमि के लिए वह ऐतिहासिक क्षण निकट है जब उत्तराखण्ड प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के विजन "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" का मजबूत आधार स्तम्भ बनेगा. 


यह विधेयक जब विधानसभा से पास होगा उसके बाद राज्यपाल के पास जाएगा. राज्यपाल के दस्तखत के बाद विधेयक, कानून का रूप लेगा. हालांकि यह कानून पूरे उत्तराखंड पर लागू नहीं होगा. दरअसल, समान नागरिक कानून से देश की किसी जनजाति के रीती-रिवाजों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. वास्तव में, उनके तौर-तरीकों से इस कानून का कोई सम्बन्ध नहीं है. देश में उनके संरक्षण के लिए भारत सरकार और संविधान सभा दोनों में व्यवस्था की गई है.


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विधेयक में लिखा गया है- भारत के संविधान के अनुच्छेद 366 के खंड (25), सहपठित अनुच्छे 342 के अंतर्गत निर्धारित किसी भी अनुसूचित जनजाति के सदस्यों एवं ऐसे व्यक्तियों व व्यक्तियों के समूहों जिनके परंपरागत अधिकार भारत के संविधान के भाग 21 के अंतर्गत संरक्षित हैं, पर इस संहिता में अन्तर्विषट कोई प्रावधान लागू नहीं होगा.


साल 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तराखंड में अनुसूचित जनजाति  की कुल जनसंख्या  2.89% है. धार्मिक तौर पर बात करें तो राज्य में 82.97% हिन्दू, 13.95 % मुस्लिम, 0.37% इसाई, 2.34% सिख, 0.15 % बौद्ध, 0.09% जैन और अन्य धर्म 0.1 % हैं.