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ऊधमसिंह नगर: नशामुक्ति केंद्र की लापरवाही ने ली युवक की जान, संचालक पर मुकदमा दर्ज
ऊधमसिंह नगर में नशामुक्ति केंद्र की लापरवाही ने एक युवक की जान ले ली. मृतक के परिजनों की शिकायत पर नशामुक्ति केंद्र के संचालक पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
ऊधमसिंह नगर: उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर में एक नशामुक्ति केंद्र को उसकी लापरवाही उस वक्त भारी पड़ गई, जिस वक्त एक युवक की ह्रदय गति रुकने से उसकी मौत हो गई. युवक की मौत की घटना सीसीटीवी में कैद हो गई. सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि एक युवक की तबियत खराब होने के चलते वो वही तड़पता रहता है और उसके साथ के युवक ही उसकी मालिश करते हैं, लेकिन घंटों बीत जाने के बाद भी ना तो वहां कोई डॉक्टर पहुंचता है और ना ही नशा मुक्ति केंद्र का कोई स्टाफ. जिस कारण युवक तड़प-तड़पकर मर जाता है. अब पुलिस ने नशामुक्ति संचालक पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया है. हालांकि ये मौत 15 मई को हुई थी. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अपनी जांच शुरू कर दी है.
नशा मुक्ति केंद्र में 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत
बता दें कि नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती 45 वर्षीय व्यक्ति की हुई मौत के मामले में परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने केंद्र संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. ग्राम दुर्गापुर निवासी 45 वर्षीय परमिंदर सिंह नशे का आदी था, जिसको परिजनों द्वारा बीती 30 अप्रैल को गदरपुर स्थित नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया था. बीती 15 मई को अचानक परमिंदर सिंह की तबियत खराब हो गई. नशामुक्ति केंद्र की इतनी बड़ी लापरवाही रही कि उसका स्वास्थ्य खराब होने के बाद भी उसकी कोई देख-रेख नहीं की गई. इसका जीता जागता सबूत सीसीटीवी में कैद हो गया है.
नशा मुक्ति केंद्र एवं पुनर्वास सेंटर के संचालक पर केस दर्ज
सूचना पर पहुंचे परिजनों ने उसे रुद्रपुर के एक निजी अस्पताल पहुंचाया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पूरे मामले में परिजनों ने पुलिस को तहरीर सौंपकर नशा मुक्ति केंद्र पर कार्रवाई की मांग की है.
तहरीर पर पुलिस द्वारा भगवान महावीर फाउंडेशन नशा मुक्ति केंद्र एवं पुनर्वास सेंटर के संचालक के खिलाफ धारा 304 A आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
पहले भी लग चुके हैं लापरवाही के आरोप
नशा मुक्ति केंद्र में व्यवस्थाओं को लेकर पूर्व में भी कई मरीजों के तीमारदार अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं. नशा मुक्ति केंद्र में ना ही कोई चिकित्सकीय जांच की सुविधा है और ना ही समय पर भोजन आदि की व्यवस्था है. पूर्व में भी नशा मुक्ति केंद्र में रह रहे ए दर्जन से अधिक मरीज दीवार में सेंध लगाकर फरार हो गए थे और उसके बाद यहां भर्ती एक मरीज की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. नशा मुक्ति केंद्र के संचालक द्वारा लापरवाही का मामला सामने आया, जिसमें युवक का स्वास्थ्य खराब होने के बाद सही उपचार ना होना पाया जा रहा है, जिसकी विस्तृत जांच की जा रही है. परिजनों की तहरीर पर संचालक के खिलाफ धारा 304 में मुकदमा दर्ज किया गया है.
मृतक के भाई हरजीत का आरोप
मृतक के भाई हरजीत ने बताया कि परमिंदर को नशे की आदत के कारण नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया था. जहां पर विभिन्न सुविधाओं की बात की गई थी. अब पता चल रहा है कि उनके पास ना कोई डॉक्टर है और ना ही मनोवैज्ञानिक ना ही कोई डायटिशियन था. इलाज में पूरी तरह कोताही बरती गई. जिस कारण हमारे भाई की मृत्यु हो गई है.
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डॉ. सुब्रत मुखर्जीरिटायर्ड प्रोफेसर, दिल्ली यूनिवर्सिटी
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