Udham Singh Nagar News: उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के एसएलओ के फर्जी चेक और फर्जी सिग्नेचर के माध्यम से 13.51 करोड़ की धनराशि निकलने के मामले में पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी. पुलिस ने इंडसइंड बैंक के शाखा मैनेजर और कैशियर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने विभिन्न खातों में 7.5 करोड़ रुपए की धनराशि को होल्ड किया है, जबकि फर्जी व कूटरचित दस्तावेज भी बरामद कर लिए हैं. वहीं पुलिस अन्य आरोपी की तलाश कर रही है.


उधम सिंह नगर के एसएलओ के सरकारी खाते से 13.51 करोड़ रुपए की धनराशि को तीन फर्जी चेक संख्या 215713, 215714 और 215715 की कूटरचित करते हुए अधोहस्ताक्षरी के फर्जी हस्ताक्षर एवं मोहर का प्रयोग करके 28 अगस्त और 31 अगस्त को निकाले गए थे. मासिक ऑडिट के दौरान जब एसएलओ कौस्तुभ मिश्र को 13.51 करोड़ से अधिक की रकम कम लगीं तो आनन फानन में मामले की जानकारी अपने उच्च अधिकारियों को दीं. उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद एसएलओ कौस्तुभ मिश्र ने ट्रांजिट कैंप थाना पुलिस को लिखित शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की.


जांच में बैंक के अधिकारियों की बातचीत आई सामने
पुलिस और प्रशासन की टीम ने लगभग 36 घंटे तक इंडसइंड बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की. इसके साथ ही बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे फुटेज की पुलिस ने जांच की, सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की दौरा तीन लोगों को चिन्हित किया था. जो चैक लेकर आए हुए थे. पुलिस को बैंक के अधिकारियों की गतिविधि संदिग्ध लगने पर कॉल डिटेल की जांच की तो उसमें बैंक में फर्जी चेक के माध्यम से पैसे निकालने वाले और बैंक के अधिकारियों के बीच बातचीत सामने आई. 


बैंक मैनेजर को पुलिस ने किया गिरफ्तार
पुलिस ने बैंक के मैनेजर देवेंद्र सिंह और कैशियर प्रियम सिंह को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस अन्य आरोपी के चिंहित करने में लगें हुई हैं, पुलिस का कहना है कि जल्द ही अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी कर जेल भेजा जाएगा. वही पुलिस ने विभिन्न खातों में लगभग 7.5 करोड़ रुपए की धनराशि होल्ड कर दिया गया है. एसएसपी डॉ मंजूनाथ टीसी ने बताया कि मासिक ऑडिट के दौरान जब एसएलओ कौस्तुभ मिश्र को खाते में 13.5 करोड़ रुपए की धनराशि कम दिखी, तो उन्होंने हमें लिखित शिकायत देखकर कार्रवाई की मांग की थी. उनकी शिकायत के आधार पर जब हमने बैंक पहुंचकर बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की.


जांच के लिए पांच टीम हुई थी गठित
पूछताछ में पता चला कि धनराशि निकलने के लिए जिस चैक का प्रयास किया गया है, वो फर्जी हैं. इसके बाद हमने जांच और अधिक तेज कर दीं, हमने पांच टीमों का गठन कर दिया. उन्होंने कहा कि जब हमने बैंक मैनेजर की कॉल डिटेल की जांच की, तो पता चला कि मैनेजर और और सरकारी खाते से रकम उड़ाने वालों के बीच फोन पर बातचीत हुई है. पुलिस जांच में सामने आया कि मैनेजर देवेन्द्र सिंह पुत्र होशियार सिंह निवासी कुंडेश्वरी थाना काशीपुर और प्रियस सिंह पत्नी रजत निवासी आवास विकास थाना ट्रांजिट कैंप को इंडसइंड बैंक बैंक से गिरफ्तार किया.


कई राज्य के फर्जी चेक को बैंक की रुद्रपुर शाखा में लगाया
इंडसइंड बैंक की रुद्रपुर शाखा में जिस तरह से उत्तराखंड और यूपी के एसएलओ के फर्जी चेक लगाकर पैसे उड़ाए गए. और दो सितंबर को अमृतसर पंजाब के एसएलओ के नाम से फर्जी चेक लगाया गया था, लेकिन अमृतसर एसएलओ के खाते में पैसे कम होने के कारण पैसे निकल नहीं पाएं. एसएसपी डॉ मंजूनाथ टीसी ने बताया कि जिस तरह से इंडसइंड बैंक की रुद्रपुर शाखा में अलग अलग राज्य के एसएलओ के नाम से फर्जी चेक लगाकर पैसे निकले गए हैं, उससे प्रतीत होता है कि ये शाखा फर्जीवाड़ा का मुख्यालय बन चुका है.


बैंक ने किया आईबीआई गाइडलाइन का उल्लंघन
इंडसइंड बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण ही करोड़ों की रकम को बैंक ने कुछ ही घंटों में क्लियर कर दिया. एसएसपी डॉ मंजूनाथ टीसी ने बताया कि इंडसइंड बैंक ने करोड़ों रुपए के चेक को कुछ ही मिनटों में क्लियर कर दिया. और इसकी जानकारी एसएलओ कार्यालय को कॉल या एसएमएस के माध्यम से नहीं दी. उन्होंने कहा कि आरबीआई की गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए बैंक के अधिकारियों ने धनराशि निकासी के बाद जाने वाले एसएमएस को भी रोक दिया था.


सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से हुआ संदेह
एसएलओ के खाते के फर्जी चेक बनाकर उस पर फर्जी हस्ताक्षर कर 13.51 करोड़ की धनराशि उडा़ने वालों और बैंक मैनेजर देवेन्द्र सिंह के बीच कई बार फोन से बातचीत हुई है. एसएसपी डॉ मंजूनाथ टीसी ने बताया कि जब बैंक में लगे. सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच की गई, तो बैंक मैनेजर के ऑफिस में सरकारी खाते से रकम उड़ाने चाय पी दिखाई दिया. जब हमें मैनेजर पर संदेह हुआ तो हमने कॉल डिटेल की जांच की, जांच में पाया गया कि मैनेजर और सरकारी खाते से रकम उड़ाने वालों के बीच फोन पर बातचीत हुई है.


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