Uttarakhand News: ईद (Eid) में ऊधम सिंह नगर (Udham Singh Nagar) के एक छोटे से शहर काशीपुरी (Kashipur) का मामला सामने आया है. जहां 60 साल की अनीता और उनकी 57 साल की बहन सरोज ने हजारों मुसलमानों का दिल जीतने वाला काम किया है. उन्होंने इस काम से अपने पिता की अंतिम इच्छा को भी पूरा किया है. दोनों बहनों ने ईद के लिए 1.2 करोड़ रुपये से अधिक की 2.1 एकड़ जमीन ईदगाह (Eidgah) के लिए दान की है.
क्या है मामला?
दोनों बहनों के सम्मान के निशान के रूप में मुस्लिम समुदाय ने ईद के दौरान उनके लिए आशीर्वाद मांगा. दरअसल, 2003 में 80 साल के लाला ब्रजनंदन रस्तोगी का निधन हो गया था. वे काशीपुर के किसान थे, जिनकी यहां पर कुछ एकड़ जमीन थी. उन्होंने जमीन का एक हिस्सा उनकी मृत्यु के बाद अनीता और सरोज को दे दिया. लेकिन बरसों बाद दोनों बहनों को घर के कुछ रिश्तेदारों के बातचीत करने के दौरान पिता की इच्छा का पता चला. रिश्तेदारों ने बताया कि लाला जमीन का एक टुकड़ा मुस्लिम भाईयों को देना चाहता था. हालांकि वे अपने बच्चों के सामने अपनी इच्छा व्यक्त करने में झिझकता था.
भाई ने भी किया समर्थन
हाल ही में परिजनों से इस बात का पता चलने पर दोनों बहनों सरोज और अनीत ने चर्चा की. इसके बाद सरोज ने भी अपने परिवार के साथ चर्चा की. वहीं अनीता जो दिल्ली में रहती है, उसने भी अपने परिवार के साथ चर्चा की. इसके बाद दोनों बहने काशीपुर में आईं. उन्होंने यहां पर अपनी जमीन मुस्लिम भाईयों के नाम करने की औपरचारिकताएं पूरी की. इस दौरान काशीपुर में उनके भाई राकेश ने उनकी मदद भी की. भाई ने भी कहा कि उनके पिता सांप्रदायिक सौहाद्र में विश्वास करते थे. इसलिए हमने अपनी जमीन ईदगाह को दान करने का फैसला किया है.
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