Udham Singh Nagar News: पुलिस के सामने बड़ी चुनौती, एक साल में उधम सिंह नगर में मिली 65 लाशें, 44 की नहीं हुई शिनाख्त
Udham Singh Nagar Police: एसएसपी मंजुनाथ टीसी का कहना है कि अज्ञात शवों की पहचान के लिए जानकारी यूपी पुलिस से साझा की जाती रही है, लेकिन बड़ी संख्या में लावारिस शवों की पहचान नहीं हो पाई है.
Udham Singh Nagar News: उत्तराखंड (Uttarakhand) में अज्ञात शव मिलने की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसमें सबसे अधिक मामले उधम सिंह नगर जिले के सामने आ रहे हैं. पुलिस इन अज्ञात शवों की शिनाख्त का प्रयास कर रही है लेकिन अधिकतर मामलों में सफलता नहीं मिल पा रही है. उधम सिंह नगर पुलिस को कई ऐसे शव मिले हैं जिसमें उत्तर प्रदेश से शव को लाकर उत्तराखंड में ठिकाने लगा दिया जाता है. अज्ञात शव की गुत्थी सुलझाना पुलिस के लिए किसी पहेली से कम नहीं है.
दरअसल, उधम सिंह नगर की सीमा उत्तर प्रदेश से लगी हुई है. कुछ स्थान ऐसे हैं कि एक मकान का दरवाजा यूपी-उत्तराखंड दोनों प्रदेशों में खुलता है. जिले के खटीमा-पानीपत राष्ट्रीय सड़क मार्ग भी कभी यूपी तो कभी उत्तराखंड का हिस्सा बनता है. ऐसे ही कई ग्रामीण क्षेत्र हैं, जहां दोनों राज्यों की सीमाएं हैं. अपराधी अपने राज्य के कानूनी दांव पेंच से बचने के लिए ऐसी हरकत कर रहे हैं, जिसकी वजह से दोनों राज्यों की पुलिस परेशान है.
एक साल में मिले इतने अज्ञात शव
पिछले एक साल में उधम सिंह नगर जिले की पुलिस ने 65 अज्ञात शवों को बरामद किया है, जिनमें से केवल 21 की शिनाख्त हो पाई है और 44 शवों की पहचान नहीं हो पाई है. इनमें सबसे ज्यादा 22 शव काशीपुर कोतवाली क्षेत्र में बरामद हुए हैं. ये वो क्षेत्र है, जिसकी सीमा उत्तर प्रदेश के रामपुर और मुरादाबाद जिले से लगी हुई है. जसपुर थाना क्षेत्र में भी 2 शवों की पहचान नहीं हो पाई है. इसके आलावा कुंडा में एक, बाजपुर और आईटीआई थाना चौकी क्षेत्र में भी दो-दो शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई है.
पुलिस के आगे मजबूरी है कि लावारिस मिले शव का 72 घंटे के बाद अंतिम संस्कार करना होता है. ऐसे में शव की पहचान की वस्तुएं पुलिस को संभाल कर रखनी होती है. माना ये जा रहा है कि उधम सिंह नगर में ये लावारिस शव, यूपी से यहां लाकर फेंक दिए जाते हैं, ताकि इनकी पहचान न हो सके. कुछ समय बाद यहां की पुलिस भी मामले को ठंडे बस्ते में डाल देती है. जिले के एसएसपी मंजुनाथ टीसी का कहना है कि अज्ञात शवों की पहचान के लिए जानकारी यूपी पुलिस से साझा की जाती रही है, कुछ की पहचान भी हुई है, लेकिन बड़ी संख्या में लावारिस शवों की पहचान नहीं हो पाई है. इस पर और काम किया जा रहा है.
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