Chhat Puja 2024: छठ पूजा की शुरुआत बिहार से हुई थी लेकिन आज भारत के साथ-साथ पूरे विश्व में इस महा त्यौहार को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में छठ पूजा के चौथे दिन सुबह 3 बजे से ही व्रती महिलाएं छठ घाट पर पहुंचकर छठ मैया की आराधना करने लगी. वहीं सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर अपने व्रत का समापन किया. छठ घाट से छठ मईया के गीत गाते हुए अपने अपने घरों के लिए रवाना हुए.
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जनपद के जिला मुख्यालय रुद्रपुर, गदरपुर, बाजपुर काशीपुर, किच्छा, सितारगंज, नानकमत्ता और खटीमा क्षेत्र के तमाम छठ घाट पर बड़ी संख्या व्रती महिलाओं ने सुबह तीन बजे से ही छठ घाटों पर पहुंचना शुरू कर दिया था. व्रती महिलाओं ने घाट पर पहुंचकर अपनी अपनी बेदी के चारों तरफ बैठकर छठ मईया की आराधना की. इसके उपरांत पांच बजे से जल में खड़े होकर सूर्य देव की गुणगान करते हुए सूर्योदय का इंतजार रही थी. सूर्योदय होने पर व्रती महिलाओं ने विधि विधान से अर्घ्य देने के उपरांत पुनः छठ मईया की पूजा का अपना व्रत पूरा किया.
क्या बोले श्रद्धालु
छठ पूजा का व्रत करने वाली रामावती देवी ने बताया कि छठ पूजा का त्यौहार हमारे समाज के लिए सबसे बड़ा त्यौहार है. इस दिन का पूरे साल इंतजार किया जाता है. दीपावली के तुरंत बाद से छठ पूजा की तैयारी शुरू कर दी जाती है. आज चार दिवसीय व्रत का समापन हो गया है. उन्होंने कहा कि छठी मैया से यही विनती है कि देश और प्रदेश के साथ साथ हमारे परिवार को भी सुख समृद्धि प्रदान करें.
'छठ पूजा हमारा सबसे बड़ा त्यौहार'
व्रती महिला सीमा जायसवाल ने बताया कि आज सुबह भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद चार दिवसीय व्रत का समापन हो गया है. हमारी छठ मईया से प्रार्थना है कि हमारे परिवार और पूरे देश पर अपनी कृपा बनाएं रखें. उन्होंने कहा कि छठ पूजा हमारा सबसे बड़ा त्यौहार है, इसमें प्राकृतिक फल फूलों से माता की आराधना की जाती है.
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