Uttarakhand News: पंच केदारों (Panch Kedar) में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान मदमहेश्वर (Madhyamaheshwar) धाम के कपाट वेद ऋचाओं व मंत्रोच्चारण के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए हैं. कपाट खुलने के पावन अवसर पर सैकड़ों भक्तों ने पूजा-अर्चना की और शिवलिंग का जलाभिषेक की. इसके साथ ही भगवान मदमहेश्वर के कपाट खुलते ही यात्रा के पड़ावों पर रौनक लौटने लगी है.
19 मई को ब्रह्म बेला पर गौंडार प्रधान पुजारी शिव शंकर ने भगवान मदमहेश्वर सहित तैतीस करोड़ देवी-देवताओं का आह्यवान किया. सुबह 6 बजे भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली का भव्य श्रृंगार हुआ और फिर आरती उतारी गई. इसके साथ ही यह डोली गौंडार गांव से कैलाश के लिए रवाना हुई.
शंख बजाकर दिया जाता है न्योता
भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली ने विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीर्वाद देते ठीक 2.15 बजे देव दर्शनी पहुंचकर विश्राम किया. कुछ देर विश्राम के बाद मदमहेश्वर धाम के भंडारी मदन सिंह पंवार और विशाम्बर पंवार ने शंख बजाकर डोली को धाम आने का निमंत्रण दिया तो डोली के साथ चल रहे भक्तों ने भी शंख ध्वनि देकर निमंत्रण को स्वीकार किया और डोली धाम के लिए रवाना हुई। भगवान मदमहेश्वर की डोली ने मुख्य मन्दिर की तीन परिक्रमा कर सहायक मन्दिरों में शीश नवाया और सुबह 11 बजे भगवान मदमहेश्वर के कपाट वेद ऋचाओं व मंत्रोच्चारण के साथ खोल दिए गए.
कपाट खुलने पर हुआ शुद्धिकरण यज्ञ
कपाट खुलने के बाद विद्वान आचार्य अभ्युदय जमलोकी ने परम्परा के अनुसार शुद्धिकरण यज्ञ किया और इस दौरान वहां 300 से अधिक भक्त मौजूद थे. उन्होंने शिवलिंग पर जलाभिषेक किया. कपाट खुलने के पावन अवसर पर दिल्ली के प्रसिद्ध उद्योगपति दिनेश कनौडिया ने भक्तों को भगवान मदमहेश्वर की महिमा पर आधारित पुस्तक मदमहेश्वर महात्म्य निःशुल्क बांटा, तो वहीं ऊखीमठ के लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी नारायण दत्त जुयाल ने विशाल भंडारे का आयोजन किया. सिक्स सिग्मा मेडिकल सर्विस टीम ने धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर भी शुरू कर दिया है, जिसका संचालन यात्रा के मौसम में होगा.
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