Uttarakhand Public Service Commission News: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने 2021 में आयोजित राज्य कनिष्ठ अभियंता सेवा परीक्षा में कथित तौर पर नकल करने वाले सभी अभ्यर्थियों को लेकर बड़ा फैसला लिया है. आयोग ने ऐसे अभ्यार्थियों पर पांच साल के लिए आयोग की सभी परीक्षाओं में शामिल होने पर रोक (डिबार) लगा दी.
आयोग द्वारा मंगलवार को यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा इस संबंध में उपलब्ध कराई गई. एक सूची में शामिल सभी अभ्यर्थियों को आयोग ने 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया था, जिनके उत्तरों पर विचार करने के बाद उन्हें आयोग द्वारा आयोजित आगामी सभी परीक्षाओं से पांच वर्ष के लिए ‘डिबार’ किए जाने का निर्णय लिया गया है.
इन तारीखों पर दोबारा आयोजित होगी परीक्षा
हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने 2021 में आयोजित राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा में भी नौ अभ्यर्थियों के नकल करने की पुष्टि की जानकारी से आयोग को अवगत कराया है. इस पर कार्रवाई करते हुए आयोग ने इस परीक्षा को निरस्त कर दिया है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह परीक्षा अब 13, 14, 16 और 18 अगस्त को दोबारा आयोजित की जाएगी.
पिछले कुछ महीनों में उत्तराखंड में एक के बाद एक कई भर्ती परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक होने तथा नकल की शिकायतें सामने आने के बाद अनेक परीक्षाओं को रद्द करना पड़ा, जबकि 80 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेजा गया है.
नकल विरोधी कानून में दस साल तक की सजा का प्रावधान
इस बीच, युवा बेरोजगारों में विश्वास बहाल करने तथा नकल करने वालों में खौफ पैदा करने के लिए राज्य सरकार एक सख्त नकल विरोधी कानून लाई है जिसमें प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल करने और करवाने वालों के लिए आजीवन कारावास, और दस लाख रुपये तक के जुर्माने जैसे कठोर प्रावधान किए गए हैं.
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