UP News: एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का दम भर रही है वहीं दूसरी तरफ रायबरेली में महिला जिला अस्पताल भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है. महिलाओं को अल्ट्रासाउंड के लिए निजी सेंटर भेजा जा रहा है. अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालक तीमारदारों से मोटी रकम वसूल कर रहे हैं. बीते 5 वर्षों से महिला जिला अस्पताल के अल्ट्रासाउंड कक्ष में ताला लगा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अभी तक एक रेडियोलॉजिस्ट की व्यवस्था नहीं की गई है. जिला महिला अस्पताल से पांच साल पहले रेडियोलॉजिस्ट डॉ दीक्षित का तबादला हो गया था. रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्त नहीं होने से अबतक अल्ट्रासाउंड कक्ष बंद पड़ा है.
कमीशनखोरी का अड्डा बना महिला जिला अस्पताल
महिला जिला अस्पताल में सैकड़ों गर्भवती महिलाएं रोजाना इलाज कराने पहुंचती हैं. डॉक्टर महिलाओं को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए निजी सेंटर पर भेज देते हैं. निजी अल्ट्रासाउंड संचालक मरीजों के तीमारदारों से मोटी रकम की वसूली करते हैं. आरोप है कि डॉक्टरों का कमीशन समय पर पहुंच जाता है. दूर दराज से आई महिलाओं को मुफ्त चिकित्सा सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है. 5 वर्षों से स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की नींद नहीं खुली है.
पांच साल से रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति का इंतजार
प्रशासन ने भी मुफ्त अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास नहीं किया. महिला जिला अस्पताल आए तीमारदारों को मरीज अल्ट्रासाउंड कराने के लिए दर- दर भटकने को मजबूर हैं. अल्ट्रासाउंड के नाम पर मरीजों से निजी संचालकर मोटी रकम की वसूली करते हैं. ऐसे में सरकार की मुफ्त इलाज कराने की मंशा पर अधिकारी पलीता लगाते नजर आ रहे हैं. मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट नहीं होने पर आम जनता का आक्रोश निश्चित तौर पर कुछ दिन बाद देखने को मिलेगा.