UP Nikay Chunav 2023: BSP शाइस्ता परवीन को देना चाहती थी टिकट, उमाशंकर सिंह का दावा- 'उनका उमेश हत्याकांड से कोई संबंध नहीं'
UP Nikay Chunav: बीएसपी (BSP) विधायक उमा शंकर सिंह (Umahsankar Singh) ने उमेश पाल हत्याकांड को लेकर बड़ा दावा किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि शाइस्ता परवीन बीएसपी में रहेंगी.
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UP Nagar Nikay Chunav 2023: बहुजन समाज पार्टी (BSP) विधायक उमा शंकर सिंह (Umahsankar Singh) ने रविवार को कहा कि हाल ही में प्रयागराज (Prayagraj) में हुए गोलीकांड में मारे गए माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) की पत्नी शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen) अब भी बसपा में ही हैं और दोष सिद्ध होने पर उसे पार्टी से निकाल दिया जाएगा.
बलिया के रसड़ा क्षेत्र से बसपा विधायक ने रविवार को जिला मुख्यालय पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की बसपा में स्थिति को स्पष्ट किया. सिंह ने कहा, 'अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन पार्टी में ही हैं. पार्टी से निकाली नहीं गई हैं. वह पार्टी में किसी पद पर नहीं हैं. दोष सिद्ध हो जायेगा तो पार्टी से निकाल देंगे. अभी दोष सिद्ध नहीं हुआ है. उनके प्रति पार्टी की सहानुभूति है.'
गौरतलब है कि उमेश पाल हत्याकांड मामले के आरोपी पूर्व सांसद माफिया राजनेता अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल को प्रयागराज में चिकित्सीय परीक्षण के लिए अस्पताल ले जाए जाते वक्त तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी थी. अतीक की पत्नी शाइस्ता उमेश पाल हत्याकांड में अभियुक्त है और ऐसी चर्चा थी कि बसपा ने उसे प्रयागराज नगर निगम के महापौर पद के लिए प्रत्याशी बनाया है, मगर उमेश पाल हत्याकांड मामले में नाम आने के बाद पार्टी ने स्पष्ट किया कि शाइस्ता को टिकट नहीं दिया गया था.
अखिलेश यादव पर क्या बोले?
बीएसपी विधायक ने सपा द्वारा बसपा को बीजेपी की 'बी' टीम कहे जाने पर कहा, 'अखिलेश यादव के पास बसपा को बदनाम करने के अलावा कोई मुद्दा नहीं है. बीजेपी की वर्ष 2017 में जब सरकार आई तो उस समय बीजेपी ने अखिलेश यादव द्वारा कराए गए बड़े महत्वपूर्ण कार्य की जांच प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी को सौंपा. जांच एजेंसी ने उसी समय आजम खां के कुछ काम की जांच भी शुरू की. बीजेपी की बी टीम कौन है, इसका खुलासा इसी से हो जाता है कि जांच एजेंसी ने अखिलेश यादव के किसी कार्य की जांच के मामले में एक पर्चा भी नहीं काटा है.'
उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव का शुरू से लक्ष्य आजम खान को नेस्तनाबूद करने का था. इसमें वह कामयाब भी हो गये. सिंह ने कहा, 'आखिर सभी जांच एजेंसियां अखिलेश यादव के कार्यों की जांच में शिथिल क्यों पड़ी हुई है. जिस मामले में सपा के प्रमुख महासचिव राम गोपाल यादव के पूरे परिवार का नाम है. उस मामले में एक आरोपी यादव सिंह को लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा. आज तक राम गोपाल यादव के परिवार से पूछताछ भी नहीं हो रही है. ऐसे में आप ही बताएं कि भाजपा की बी टीम कौन है.'
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