Umer Ahmed Ilyasi News: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने पर फतवा जारी होने पर इमाम उमर अहमद इलियासी की प्रतिक्रिया सामने आई है. इलियासी ने कहा कि पहले मैंने कई दिनों तक सोचा की मुझे अयोध्या जाना चाहिए या नहीं लेकिन मैंने अंत में अमन और मोहब्बत का पैगाम देने के लिए अयोध्या जाने का फैसला लिया था. मैं अयोध्या अमन और मोहब्बत का पैगाम देने के लिए गया था, हमारे धर्म भले ही अलग हैं लेकिन हमारा एक धर्म होना चाहिए और वह है इंसानियत का.


इमाम उमर अहमद इलियासी ने कहा कि मुझे कई लोगों के धमकी के फोन आए थे जिनको मैंने रिकॉर्ड भी कर लिया है और कई लोगों के माफी के फोन भी आए हैं. जो लोग मुझसे इसलिए नफरत कर रहे हैं कि मैं अयोध्या चला गया तो उनको पाकिस्तान चले जाना चाहिए. जो लोग कह रहे हैं की मुझे माफ नहीं करेंगे मैं उनसे कहना चाहता हूँ कि मैं किसी से माफी नहीं मांगने वाला, मैंने कोई गलत काम नहीं किया है. मैं राष्ट्र सर्वोपरि है के भाव से अयोध्या गया था अयोध्या का राम मंदिर राष्ट्र का मंदिर है.


बता दें कि अयोध्या में हुए 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह में अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख डॉ इमाम उमर अहमद इलियासी शामिल हुए थे. इसे लेकर इलियासी के खिलाफ फतवा जारी हो गया था, जिसकी विश्व हिंदू परिषद ने निंदा करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है.


वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने इलयासी के खिलाफ फतवा जारी करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि उनका राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होना कुछ जिहादी कट्टरपंथी मुफ्तियों को रास नहीं आया. उन्होंने कहा कि मुफ्तियों के एक ग्रुप द्वारा उनके विरुद्ध फतवा जारी किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय दुष्कृत्य है.


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