Umesh Pal Murder Case: प्रयागराज (Prayagraj) के चर्चित उमेश पाल मर्डर केस में एक बड़ा खुलासा हुआ है. विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का टिकट पाने के लिए एक नेता को 20 लाख रुपए दिए जाने के विवाद की जानकारी सामने आई है. दावा किया जा रहा है कि उमेश पाल प्रयागराज की फाफामऊ (Phaphamau) सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे. उमेश पाल विधानसभा चुनाव से तकरीबन आठ महीने पहले सपा में शामिल हुए थे.
लखनऊ में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने उमेश पाल को सपा की सदस्यता दिलाई थी. सपा के दफ्तर में अखिलेश यादव ने उमेश पाल को सदस्यता दिलाई थी. प्रयागराज के जिला उपाध्यक्ष राम सुमेर पाल के माध्यम से सपा में उमेश पाल शामिल हुए थे. फाफामऊ सीट पर टिकट दिलाने के नाम पर पार्टी के एक नेता ने उमेश पाल से 20 लाख रुपए भी लिए थे. पार्टी फंड में डोनेशन के तौर पर जमा करने के नाम पर उमेश पाल से 20 लाख रुपए लिए गए थे. हालांकि जिला अध्यक्ष योगेश यादव का दावा है कि सपा किसी से डोनेशन नहीं लेती है.
20 लाख रुपए देने वाले नेता से हुआ विवाद
अपने टिकट को लेकर उमेश पाल ने सपा के तमाम नेताओं से जमकर पैरवी भी कराई थी. उन्हें उम्मीद थी कि पार्टी फंड में 20 लाख रुपए का डोनेशन दिए जाने के बाद फाफामऊ सीट से उन्हें टिकट जरूर मिलेगा. हालांकि सपा ने फाफामऊ सीट पर पूर्व मंत्री और इसी सीट से विधायक रहे अंसार अहमद को उम्मीदवार घोषित किया था. अंसार अहमद को टिकट मिलने के बाद उमेश पाल का 20 लाख रुपए लेने वाले नेता से विवाद भी हुआ था.
उमेश पाल ने इस नेता को बुरा भला कहते हुए पैसे वापस करने को भी कहा था. पैसे लेने वाले सपा नेता ने उमेश पाल को कोरांव की सुरक्षित सीट से आवेदन करने की सलाह दी थी. उमेश पाल में विधानसभा चुनाव से पहले ही धनगर जाति का सर्टिफिकेट भी बनवा रखा था. चुनाव से पहले धनगर जाति को एससी कैटेगरी में माना जाता था. उमेश पाल धनगर जाति का सर्टिफिकेट होने की वजह से प्रयागराज की कोरांव सीट से भी चुनाव लड़ सकते थे.
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टिकट के लिए पांच करोड़ देने के लिए थे तैयार
उमेश पाल ने अपना जाति प्रमाण पत्र कृष्ण कुमार धनगर के नाम से बनवाया हुआ था. उन्होंने अपने टिकट को लेकर सपा के कुछ स्थानीय नेताओं को कई बार अपने घर पर पार्टी भी दी थी. उमेश पाल को सपा का टिकट दिलाने के लिए पार्टी के किस नेता ने उनसे 20 लाख रुपए लिए थे, यह साफ नहीं हो सका है. जानकारी मिली है कि उमेश पाल सपा का टिकट पाने के लिए पांच करोड़ रुपए देने को भी तैयार थे.
सपा नेताओं से मनमुटाव
फाफामऊ सीट से टिकट को लेकर सपा नेताओं से उमेश पाल का काफी मनमुटाव हो गया था. उमेश पाल को लगता था कि सपा के नेताओं ने पैसे उनके लिए और पार्टी का टिकट उनकी ही बिरादरी की पूजा पाल को कौशांबी की चायल सीट से दे दिया. पूजा पाल भी पहले प्रयागराज के गंगा पार इलाके की ही एक सीट से सपा का टिकट चाह रही थी. सपा का टिकट पाने को लेकर दोनों के पुराने संबंधों में खटास आई थी.
दीगर है कि उमेश पाल की हत्या के दूसरे दिन पूजा पाल जब उनके घर पहुंची थी तो परिवार की महिलाओं से तीखा विवाद भी हुआ था. टिकट नहीं मिलने पर उमेश पाल का सपा के कुछ नेताओं से इतना मनमुटाव हो गया था कि उन्होंने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी छोड़ दी थी. पिछले साल के विधानसभा चुनाव के दौरान ही वह दोबारा बीजेपी में फिर से शामिल हो गए थे. सपा में उमेश पाल सिर्फ करीब 8 महीने ही रहे. इससे पहले अप्रैल 2019 में मंत्री एसपी सिंह बघेल की मौजूदगी में उमेश पाल ने बीजेपी की सदस्यता ली थी.
इस एंगल पर भी होगी जांच?
हालांकि पार्टी का टिकट दिलाने के लिए पार्टी फंड में जमा करने के नाम पर किस नेता ने उमेश पाल से 20 लाख रुपए लिए यह अभी साफ नहीं हो सका है. सपा के जिला अध्यक्ष योगेश यादव ने उमेश पाल के पार्टी में शामिल होने और फाफामऊ सीट से टिकट के लिए आवेदन करने की जानकारी की पुष्टि की है. हालांकि 20 लाख रुपए के डोनेशन के बारे में उन्होंने कोई जानकारी नहीं होने का दावा किया है.
उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किए गए सदाकत की तस्वीर भी पहले अखिलेश यादव के साथ आ चुकी है. अब पुलिस की तफ्तीश में सपा में टिकट की दावेदारी और 20 लाख रुपए के डोनेशन का विवाद शामिल हो सकता है.