Umesh Pal Murder Case: उमेश पाल हत्याकांड में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. अब शूटआउट केस में जेल से रंगदारी मांगने का खुसाला हुआ है. गुजरात (Gujarat) की साबरमती जेल में बंद बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद (Atique) ने गुर्गों के जरिए उमेश पाल से एक करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी थी. 


बरेली जेल में बंद अतीक अहमद के पूर्व विधायक भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ ने उमेश पाल के करीबी सूरज पाल से रंगदारी मांगी थी. उन्होंने 20 लाख रुपए की रंगदारी मांगी थी. उमेश पाल और सूरज दोनों ने इस मामले में नामजद एफआईआर दर्ज कराई थी. अतीक अहमद और बरेली जेल में बंद उनके भाई अशरफ के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. दोनों के कई गुर्गों के खिलाफ केस भी दर्ज हुआ था.


शूटआउट केस का वर्कआउट कर सकने में नाकाम पुलिस अब रंगदारी के एंगल को फोकस कर रही है. यह पड़ताल करने की कोशिश की जा रही है कि कहीं रंगदारी देने से इंकार करने पर तो उमेश पाल की हत्या नहीं कराई गई. कुछ महीने पहले दोनों एफआईआर ही दर्ज हुई थी. उमेश पाल ने शूटआउट केस से ठीक छह महीने पहले अतीक गैंग के खिलाफ केस दर्ज कराया था.


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रंगादारी मांगने पर इनके खिलाफ हुई थी FIR
प्रयागराज के धूमनगंज थाने में रंगदारी का केस दर्ज हुआ था. उमेश पाल की एफआईआर में पूर्व सांसद अतीक अहमद के साथ ही उसके गुर्गे खालिद जफर, मोहम्मद मुस्लिम, दिलीप कुशवाहा और अबूसाद को नामजद किया गया था. इसके अलावा छह अज्ञात लोगों का नाम भी जोड़ा गया था. सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 504, 506, 386 और 120 बी के तहत केस दर्ज किया गया था.


एफआईआर के मुताबिक पिछले साल 11 फरवरी को अतीक अहमद के गुर्गे उसकी जमीन पर कब्जा करने लगे. वह मौके पर पहुंचे तो गुर्गों ने असलहा सटाकर कहा कि सांसद अतीक भाई का आदेश है, पहले एक करोड़ रुपए दो, वरना इस जमीन को भूल जाओ. यह भी कहा कि यदि जमीन पर बिना एक करोड़ दिए आए तो तुम मारे जाओगे.