Umesh Pal Murder Case: उमेश पाल शूटआउट केस के जुड़ा नया वीडियो सामने आया है. माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ (Ashraf Ahmed) के गुर्गों ने वारदात से तीन दिन पहले भी उमेश पाल (Umesh Pal) को मौत के घाट उतारने की कोशिश की थी. जिन सात शूटरों ने 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या की गई थी वहीं शूटर 21 फरवरी को घटना को अंजाम देने पहुंचे थे.


शूटरों ने उसी तरह की पोजीशन ली थी, जिस तरह से उन्होंने 24 फरवरी को वारदात को अंजाम दिया था. शूटर गुलाम उस दिन यानी 21 फरवरी को भी ग्राहक बनकर इलेक्ट्रिक शॉप में छिपा हुआ था. ABP चैनल के पास 21 फरवरी को दो बाइक और क्रेटा कार पर सवार होकर शूटरों के उमेश पाल के घर के बाहर पहुंचने का Exclusive वीडियो भी मौजूद है. 21 फरवरी का एक-दो नहीं बल्कि चार-चार वीडियो मौजूद हैं.



यह वीडियो उमेश पाल के घर की गली के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों मैं कैद भी हुआ था. 21 फरवरी को भी कचहरी से ही उमेश पाल का पीछा किया गया था. ABP चैनल के पास 21 फरवरी का जो Exclusive वीडियो है, उसमें चार शूटरों के चेहरे और उनकी गतिविधियां साफ तौर पर नजर आ रही हैं. बाकी तीन शूटर क्रेटा कार में सवार थे. जिस वक्त वारदात को अंजाम दिया जाना था, ठीक उसी वक्त मौके से पुलिस की एक जीप गुजर रही थी.



इस वजह से फेल हुआ प्लान
पुलिस जीप के गुजरने से शूटरों का प्लान फेल हो गया और वह वापस चले गए थे. वीडियो के मुताबिक 21 फरवरी को उमेश पाल शाम 5:27 बजे अपने घर की गली के बाहर पहुंचे थे. उमेश पाल उस दिन फॉर्च्यूनर कार से कचहरी से घर वापस लौटे थे. हालांकि 24 फरवरी को वह फॉर्च्यूनर के बजाय क्रेटा कार से आए थे. 21 फरवरी को उमेश पाल के पहुंचने से तकरीबन एक मिनट पहले शूटर उस्मान उर्फ विजय चौधरी और गुलाम घर की गली के बाहर बाइक से पहुंचे थे.


शूटर उस्मान बाइक चला रहा था जबकि गुलाम पीछे बैठा हुआ था. दोनों ने बाइक को कुछ दूरी पर खड़ा कर दिया और पैदल ही गली की तरफ बढ़ने लगे. सबसे पहले शूटर गुलाम उमेश पाल के घर की गली के ठीक बाई तरफ स्थित इलेक्ट्रिक शॉप में पहुंचा और वहां ग्राहक बनकर बातचीत करता रहा. कुछ सेकेंड बाद उस्मान उर्फ विजय चौधरी भी इसी दुकान में दाखिल हो गया. 24 फरवरी को भी गुलाम इसी इलेक्ट्रिक शॉप में ग्राहक बनकर छिपा हुआ था.


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कार में सवार थे ये लोग
शाम 5:27 पर उमेश पाल की फॉर्च्यूनर कार घर की गली के बाहर पहुंची. कार को गली के बाहर सटाकर लगाया गया. उमेश पाल की कार के ठीक पीछे तीन शूटर क्रेटा कार पर थे. सूत्रों से जानकारी मिली है कि क्रेटा कार पर अतीक अहमद का बेटा असद, शूटर साबिर और ड्राइवर अरबाज बैठे हुए थे. इसके अलावा शूटर अरमान और बमबाज गुड्डू मुस्लिम क्रेटा कार के साथ ही बाइक पर सवार होकर पहुंचे थे. 


उमेश पाल की फॉर्च्यूनर कार से ठीक पीछे शूटरों की क्रेटा कार बीच सड़क पर रोक दी गई थी. शूटर अरमान और बमबाज गुड्डू मुस्लिम ने अपनी बाइक भी रोक दी थी. साजिश यह रची गई थी कि उमेश पाल जैसे ही कार से उतर कर घर की गली में दाखिल होने लगेंगे उन पर हमला बोल दिया जाएगा. हालांकि जैसे ही उमेश पाल अपनी फॉर्च्यूनर कार से उतरे ठीक वैसे ही शूटरों की क्रेटा कार के ठीक बगल से पुलिस की एक जीप गुजरने लगी.


दिख रहा है गाड़ी का नंबर
पुलिस की इस जीप के संयोगवश पहुंचने से शूटर डर गए और उन्होंने हमला नहीं किया. कुछ ही पलों में पहले उमेश पाल और उसके बाद उनके दोनों गनर उतरकर गली में चले गए तो शूटरों का प्लान फेल हो गया. प्लान फेल होते ही क्रेटा कार पर सवार शूटर आगे बढ़ने लगे. कार के आगे बढ़ने के साथ ही बाइक पर सवार अरमान और गुड्डू मुस्लिम भी आगे बढ़ गए. 20 से 25 कदम की दूरी पर ही शूटर अरमान और गुड्डू मुस्लिम की बाइक ने क्रेटा कार को ओवरटेक कर लिया.


बाइक अरमान चला रहा था जबकि बमबाज गुड्डू मुस्लिम पीछे बैठा हुआ था. गुड्डू मुस्लिम ने सफेद रंग की शर्ट पहन रखी थी. थोड़ा आगे जाने के बाद शूटरों की क्रेटा कार और अरमान व गुड्डू मुस्लिम की बाइक ने यू टर्न लिया. दोनों गाड़ियां वापस मुड़कर अतीक अहमद के घर की तरफ चली गईं. 21 फरवरी को शूटर जिस क्रेटा कार पर सवार होकर उमेश पाल को मारने के लिए पहुंचे थे, ABP चैनल के पास मौजूद Exclusive वीडियो में उसका नंबर भी साफ नजर आ रहा है.


जीप ने बचा ली थी जान
शूटरों की कार, अरमान और गुड्डू मुस्लिम की बाइक आगे बढ़ने के बाद शूटर उस्मान उर्फ विजय चौधरी व गुलाम भी इलेक्ट्रिक शॉप से बाहर निकल आते हैं. दोनों आगे पीछे चलते हुए अपनी बाइक तक जाते हैं और उलटी दिशा में बाइक से अतीक अहमद के घर की तरफ रवाना हो जाते हैं. 21 फरवरी की शाम 5:27 बजे अगर उमेश पाल के घर पहुंचने पर वहां से पुलिस की जीप नहीं गुजरती तो शूटर उसी दिन उनकी हत्या कर देते.


21 फरवरी को भी कार और दोनों बाइक को उसी पोजीशन पर खड़ा किया गया था, जिस तरह से 24 फरवरी को वारदात को अंजाम दिया गया था. वीडियो को देख कर कहा जा सकता है कि 21 फरवरी को पुलिस की जीप ने उमेश पाल और दोनों सरकारी गनर की जान बचा ली थी. 21 फरवरी को प्लान फेल होने के बाद शूटरों ने तीन दिन बाद यानी 24 फरवरी को वारदात को अंजाम दिया था. 24 फरवरी को भी सारे शूटर्स ऐसे ही वाहनों से मौके पर पहुंचकर इन्हीं पोजीशन पर खड़े हुए थे.