UP NEWS: पीएम-वाणी योजना में कोटे की दुकानों पर मिलेगा फ्री वाई-फाई कनेक्शन, ऐसे उठा सकेंगे योजना का लाभ
Uttar Pradesh: हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन से राशन वितरण में आने वाली समस्या से तो छुटकारा मिलेगा ही, साथ ही इच्छुक लोगों को कनेक्शन देकर कोटेदार हर महीने तीन से आठ हजार रुपए कमा सकेंगे
Free Wi-Fi connection at quota shops: कोटे की दुकानों पर अब आपको वाई-फाई का फ्री कनेक्शन मिलेगा. दूरसंचार विभाग की प्राइम मिनिस्टर्स वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (पीएम-वाणी) स्कीम के तहत यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. इस स्कीम से राशन वितरक यानी कोटेदार और जनता दोनों को लाभ होगा.
जनता और कोटेदार दोनों को होगा फायदा
हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन से राशन वितरण में आने वाली समस्या से तो छुटकारा मिलेगा ही, साथ ही इच्छुक लोगों को कनेक्शन देकर कोटेदार हर महीने तीन से आठ हजार रुपए कमा सकेंगे.
अभी प्रदेश के 10 जिलों में लागू की जाएगी योजना
शुरूआत में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस योजना को प्रदेश के 10 जिलों गोरखपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, आगरा, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर एवं अयोध्या में लागू किया जाएगा. 4 से 9 मई तक जिला पूर्ति कार्यालय दूरसंचार विभाग के सहयोग से कोटेदारों की कार्यशाला आयोजित कर योजना की जानकारी देगा. बता दें कि कोटे की दुकानों की आय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को मजबूत करने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की है.
बेहतर कनेक्टिविटी से खाद्दान्न वितरण में होगी सुविधा
प्रशासन ने खाद्दान्न वितरण में बड़े पैमाने पर तकनीकी सुधार किये हैं, लेकिन कमजोर इंटरनेट कनेक्टिविटी के चलते कई स्थानों से खाद्दान्न वितरण में समस्या की शिकायतें आती हैं. दूरसंचार विभाग की योजना के तहत जिला पूर्ति अधिकारी मलिन बस्ति, ग्रामीण क्षेत्र एवं नेटवर्क की खराबी वाले क्षेत्रों में कोटेदारों का चयन कर उनकी ट्रेनिंग कराएंगे.
गोरखपुर के जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि पीएम-वाणी योजना के तहत कोटेदारों की दुकानों के आसपास 200 मीटर परिधि में वाई-फाई की सुविधा मिल सकेगी. इससे कोटेदारों की आय भी बढ़ेगी और बेहतर कनेक्टिविटी से खाद्दान्न वितरण में सुविधा होगी.
ऐसे ले सकेंगे योजना का लाभ
पब्लिक वाई-फाई हाटस्पाट डिवाइस के माध्यम से ब्राडबैंड सेवा उपलब्ध कराई जाएगी. कोटेदार को डिवाइस खरीदने के लिए छोटी पूंजी की जरूरत होगी. कोई लाइसेंस शुल्क नहीं देना होगा. कोटे की दुकानें पब्लिक डाटा ऑफिस(पीडीओ) के रूप में काम करेंगी. यह योजना एच्छिक होगी. जिला आपूर्ति अधिकारी एक महीने में कोटेदारों से आवेदन प्राप्त कर डिवाइस आदि लगवाने की प्रक्रिया पूरी करेंगे.
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