Congress on Uniform Civil Code: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर सियासत तेज हो गई है. विपक्षी दलों की ओर से इसे लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है तो वहीं माना जा रहा है कि मानसून सत्र में पहले मोदी सरकार इसका प्रस्ताव ला सकती है. ऐसे में कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री नवभारत का इसे लेकर बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि यूसीसी अभी एक अधकचरा विचार है. मोदी सरकार इस मामले में जल्दबाजी कर रही है. 


कांग्रेस नेता नवभारत ने कहा यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर हमारी पार्टी विचार कर रही हैं. यूसीसी का ड्राफ्ट आने के बाद ही पार्टी की लाइन तय हो पाएगी फिर चाहे वो केंद्र सरकार का ड्राफ्ट हो या उत्तराखंड सरकार का, पहले इसका ड्राफ्ट सामने आए तो ही कुछ कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि इससे पहले केंद्र सरकार ने 2018 में यूसीसी को लॉ कमिशन को रेफर किया था अब पांच साल बाद फिर से अचानक इसे लॉ कमिशन को दिया गया है, जिसे देखकर लगता है कि केंद्र इसे लेकर गंभीर है.


यूसीसी पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया


कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर केंद्र सरकार यूसीसी बनाती है तो उत्तराखंड का यूसीसी बेमानी हो जाएगा. उत्तराखंड सरकार ने अगर कुछ रिकमेंडेशन किया है और उन्हें सरकार मान लेती है तो भी कुछ हो सकता है, लेकिन जहां तक पार्टी की बात है हम तब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे, जब तक हमारे पास विचार करने के लिए मसौदा न हो. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से मेरा कहना है कि इससे पहले भी सीएए आया था. उसकी हालत ये है कि इसके नियम ही नहीं बन पाएं. जब तक नियम नहीं बनेंगे तब तक ये लागू नहीं हो सकता. इसके पीछे की भावना भी ये थी कि सिर्फ हिन्दुओं को ही नागरिकता दी जाएगी दूसरों को नहीं, ऐसे में मुझे लगता है कि ये लीगल नहीं हो सकता है. 



सीएए और एनआरसी को भी बताया फेल


कांग्रेस ने एनआरसी का भी जिक्र करते हुए कहा, इस एक्ट की असम में बहुत मांग थी, लेकिन इसका नतीजा काफी विपरीत हुआ. जिन्हें ये भगाना चाहते थे वो बीस पर्सेंट रह गए और जिनको नहीं भगाना चाहते थे वो 80 फीसद हो गए ऐसे में ये कोशिश भी फेल हो गई. उन्होंने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने पर कहा कि इसके आने से सिर्फ कश्मीर के लोगों के कही नहीं, बल्कि जम्मू और लद्दाख के लोगों के भी अधिकार प्रभावित हुए हैं. अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में है हो सकता है जल्द इस पर भी कुछ सुनने के मिलेगा.


यूसीसी को कहा अधकचरा विचार  


कांग्रेस नेता ने यूसीसी को अधकचरा विचार बताया और कहा कि हमारे यहां 370 खत्म हो गई लेकिन 371 अभी बाकी है. अगर 371 को रद्द किए बिना यूसीसी लाया जाएगा तो ये बेमानी होगा क्योंकि इसे देश की बड़ी जनसंख्या प्रभावित होती है. अगर 371 को अलग रखा जाता है तो सिख, ईसाई या अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कैसे मना करेंगे. संविधान में उसकी क्या व्यवस्था करेंगे, ये भी समझना होगा.


उन्होंने कहा बहुत सारे ऐसे मुद्दे हैं जिन पर बीजेपी जल्दबाजी करती है. नोटबंदी कर देती है, कभी जीएसटी लागू करती है उसका देश पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ा. यूसीसी भारतीय संविधान का अहम हिस्सा है लेकिन एक आदर्श के रूप में जब तक समाज इतना विकसित न हो जाए कि हम सब लोग मिलकर कुछ कॉमन चीजों को तय करें, तब तक यूसीसी को लागू करने को किसी भी लॉ कमिशन ने औचित्य नहीं माना है. हमारी पार्टी इस पर समाज से राय लेगी और सभी के अधिकारों की रक्षा करते हुए फैसला लेगी. 


ये भी पढे़ं- UP Politics: सीधी की घटना पर अखिलेश यादव बोले- 'BJP के 18 साल के शासन है यही उपलब्धि'