UCC Draft in Uttarakhand: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बसपा ने रुख साफ कर दिया है. विधायक मोहम्मद शहजाद ने धामी सरकार के दावे पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सरकार यूसीसी का ढिंढोरा पीट रही थी. दावा किया जा रहा था कि यूसीसी से लोगों को सुविधा मिलेगी. यूसीसी बिल में दूसरी शादी को गैर कानूनी बनाए जाने की बात भी कही जा रही थी. सरकार यूसीसी विधेयक के जरिए लिव इन रिलेशन को मान्यता देने की कोशिश कर रही है. बसपा विधायक ने कहा कि मुस्लिम समाज लिव इन रिलेशनशिप को अभिशाप मानता है. सरकार लिव इन रिलेशन को बढ़ाने का काम कर रही है. बसपा विधायक ने मुसलमानों को यूसीसी के जरिए टारगेट करने की आशंका को निराधार बताया. उन्होंने कहा कि यूसीसी बिल में ऐसा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है.


यूसीसी बिल पर बसपा का पक्ष आया सामने


बसपा विधायक ने कहा कि पहले से प्रतिबंधित प्रावधानों को बिल में शामिल किया गया है. इसलिए मुसलमानों को यूसीसी बिल का विरोध नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर मुसलमानों को लगता है कि यूसीसी आने से धार्मिक आजादी कुचले जाने की आशंका है तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खुला है. यूसीसी बिल में मुसलमानों के अधिकारों को छीनने का प्रावधान नहीं शामिल है. उन्होंने कहा कि बिल को यूनिफॉर्म सिविल कोड कहना बेमानी होगा. बिल में प्रदेश की 23 फीसद आबादी को छोड़ दिया गया है.


उत्तराखंड में विपक्षी एकता को लगा झटका


केवल हिंदू समाज की स्वर्ण जाति और मुस्लिम समाज को यूसीसी बिल में शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है समान नागरिक संहिता यानी एक जैसा कानून एक जैसा विधान. उन्होंने लिव इन रिलेशनशिप का मुद्दा सदन में उठाने का एलान किया. बसपा विधायक ने कहा कि यूसीसी कानून बन जाने के बाद दूसरी शादी में रुकावट होने पर लिव इन रिलेशनशिप का रास्ता खुलता है. लिव इन रिलेशन का रजिस्ट्रेशन कराकर दूसरी महिला को साथ रखा जा सकता है और बच्चा भी पैदा किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यूसीसी लाने का मकसद वाहवाही लूटना था. मजबूत कानून बनाना सरकार नहीं चाहती थी. सरकार को यूसीसी पर अभी और काम करने की आवश्यकता है. फिलहाल बसपा यूसीसी बिल का विरोध नहीं करती है. अलबत्ता यूसीसी विधेयक में संशोधन करने की मांग सरकार से करेंगे. 


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