Uttarakhand News: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) का ब्लूप्रिंट तैयार हो गया है. उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां यूसीसी लागू किया जाएगा. इसके लिए करीब दो लाख 31 हजार सुझावों पर अंतिम मुहर लगी है. लेकिन अब इसपर सियासी बयानबाजी तेज होती जा रही है. इसपर प्रतिक्रिया देते हुए बरेली (Bareilly) के मौलाना तौकीर रजा (Maulana Tauqeer Raza) ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) सरकार को धमकी दी है. 


मौलाना तौकीर रजा ने धमकी देते हुए कहा, "हमने भी चूड़ियां नहीं पहन रखी है. अगर सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया तो हम उत्तराखंड सरकार का घेराव करेंगे." वहीं विपक्षी पार्टियों ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर बीजेपी पर जुबानी हमले शुरू कर दिए हैं. आरजेडी कहा है कि ये बीजेपी का नफरती एजेंडा है. दरअसल, यूनिफॉर्म सिविल कोड के फाइनल ड्राफ्ट में दो लाख से ज्यादा लोगों के सुझाव शामिल किए जाएंगे. उत्तराखंड का यूनिफॉर्म सिविल कोड देश के यूनिफॉर्म सिविल कोड का टेंपलेट बनेगा. लॉ कमीशन ने भी उत्तराखंड की यूनिफॉर्म सिविल कोड कमेटी से विचार विमर्श किया है.


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क्या हैं प्रावधान?
यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी यूसीसी में सुझाव दिया गया है कि लड़कियों की शादी की आयु बढ़ाई जाएगी ताकि वे विवाह से पहले ग्रेजुएट हो सकें. शादी का रजिस्ट्रेशन न होने पर सरकारी सुविधाएं नहीं देने और पति-पत्नी दोनों के पास तलाक के सामान अधिकार देने के अलावा सुझावों में बहुविवाह पर पूरी तरह से रोक की बात भी कही गई है. 


इसके अलावा उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर का हिस्सा देने, पत्नी की मौत हो जाती है और उसके माता पिता का कोई सहारा न हो तो उनके भरण पोषण की जिम्मेदारी पति की होगी. जबकि मुस्लिम महिलाओं को गोद लेने का अधिकार भी मिलेगा. गोद लेने की प्रक्रिया आसान की जाएगी. हलाला और इद्दत पर रोक लगेगी. वहीं लिव इन रिलेशनशिप का डिक्लेरेशन जरूरी होगा. ये एक सेल्फ डिक्लेरेशन की तरह होगा जिसका एक वैधानिक फॉर्मैट होगा.