Budget 2023: अखिलेश यादव की बजट पर पहली प्रतिक्रिया, बीजेपी पर जमकर भड़के सपा प्रमुख
Union Budget: वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (Nirmala Sitharaman) ने बुधवार को संसद (Sansad) में बजट पेश किया. इसपर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है.
Union Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (Nirmala Sitharaman) ने बुधवार को आम बजट 2023-24 (Budget 2023) संसद (Sansad) में पेश किया. इसपर विरोधी दलों की प्रतिक्रिया आने लगी है. बजट पेश होने के कुछ ही देर बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने पहली प्रतिक्रिया दी है. सपा प्रमुख बीते सालों के बजट की याद दिलाते हुए बीजेपी (BJP) पर जमकर भड़के नजर आए.
अखिलेश यादव ने बजट को लेकर पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी. भाजपाई बजट महंगाई व बेरोज़गारी को और बढ़ाता है. किसान, मज़दूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुँचाने के लिए बनता है."
भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 1, 2023
भाजपाई बजट महंगाई व बेरोज़गारी को और बढ़ाता है। किसान, मज़दूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुँचाने के लिए बनता है।
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क्या बोलीं वित्त मंत्री?
इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बजट पेश करते हुए कहा, "यह अमृत काल में पहला बजट है. आम बजट 2023-24 को पिछले बजट की बुनियाद और ‘इंडिया एट 100’ के मसौदे पर निर्माण की उम्मीद है. केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के समय 80 करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराकर यह सुनिश्चित किया कि देश में कोई व्यक्ति भूखा न रहे."
उन्होंने आगे कहा, "वैश्विक चुनौतियों के समय जी20 की अध्यक्षता मिलने से हमारे पास वैश्विक व्यवस्था में भारत की भूमिका को मजबूत करने का अवसर है. सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीब लोगों को नि:शुल्क अनाज उपलब्ध कराने की योजना का क्रियान्वयन कर रही है, जिस पर एक जनवरी से शुरू करके दो लाख करोड़ रुपये का व्यय आएगा. 2020-21 में कृषि क्षेत्र में निजी निवेश बढ़कर 9.3 प्रतिशत हो गया है जो 2019-20 में सात फीसदी था."