Union Budget 2024 Expectations: लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का अंतिम बजट पेश होने जा रहा है. 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी. बजट से हर सेक्टर को राहत की उम्मीदें रहती हैं. आगरा के पेठा उद्योग को भी जीएसटी में राहत की उम्मीद है. शहीद भगत सिंह पेठा संगठन के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने बताया कि पेश होने वाले बजट से कारोबारी आशान्वित हैं. उन्होंने मांग की कि पेठा पर लगने वाले जीएसटी को खत्म कर देना चाहिए. उनकी दलील है कि पेठा उद्योग एग्रीकल्चर से जुड़ा हुआ है. पूर्व की सरकारों ने भी पेठा उद्योग को टैक्स मुक्त करने का आश्वासन दिया था. अब हमें वर्तमान सरकार से उम्मीद है कि पेठा उद्योग को राहत दे.


पेठा उद्योग को अंतिरम बजट से क्या है उम्मीद?


टैक्स मुक्त होने से पेठा उद्योग को बड़ी राहत मिलेगी. पेठा बनाने के लिए इस्तेमाल में लाई जाने वाली गैस पर सब्सिडी की भी सरकार से उम्मीद है. उन्होंने कहा कि गैस पर सब्सिडी नहीं मिल रही है. पेठा उद्योग को गैस पर सब्सिडी देने के आदेश का पालन नहीं हो रहा है. अधिकारियों की शिथिलता के कारण पेठा उद्योग को गैस पर सब्सिडी नहीं मिलती है. सरकार से दखलअंदाजी की उम्मीद की जाती है. बता दें कि दुनिया भर में आगरा ताजमहल और पेठा के लिए अलग पहचान रखता है. आगरा के पेठा की मिठास से कोई भी अछूता नहीं है. दुनिया की सबसे शुद्ध मिठाई पेठा है. ओषधि के रूप में भी पेठा का इस्तेमाल होता है. सैंकडों साल पुरानी मिठाई पेठा का जिक्र भारत के ग्रंथों में भी आता है.


वित्त मंत्री के सामने कारोबारियों ने रखी मांग


पेठा का दूसरा नाम कुष्मांडा भी है. पेठा का इतिहास महाभारत के समय से भी पहले का है. किसान से लेकर मजदूर और व्यापारी पेठा उद्योग से जुड़े हुए हैं. शहीद भगत सिंह पेठा संगठन के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने बताया कि दुनिया की सबसे शुद्ध मिठाई है. पेठा का अस्तित्व महाभारत के समय से भी पहले का है. औषधि के रूप में प्रचिलत पेठा का दूसरा नाम कुष्मांडा भी है. पेठा पर वर्तमान समय में पांच फीसद का जीएसटी है. पूर्व की सरकारों ने पेठा उद्योग को टैक्स मुक्त करने का आश्वासन दिया था. पेठा उद्योग एग्रीकल्चर से जुड़ा होने के कारण टैक्स मुक्त किया जाना चाहिए. टैक्स मुक्त होने से पेठा उद्योग और ऊंचाइयों को छू सकेगा. कारोबारियों को बजट में टैक्स स्लैब बढ़ाने की भी उम्मीद है. पेठा पहले कोयले की भट्टी पर बनाया जाता था. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के बाद कोयले की भट्टी बंद कर दी गई. अब गैस की भट्टी पर काम होता है. कोयले और गैस की भट्टी में करीब दस फीसद का अंतर आता है. 


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