MP Pankaj Chaudhary Profile: उत्तर प्रदेश में अगले साल यानी 2022 में विधानसभा के चुनाव होने हैं. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी है. मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में भी सबसे ज्यादा जोर यूपी पर रहा. मंत्रिमंडल के पहले विस्तार में महाराजगंज से सांसद पंकज चौधरी को मंत्री बनाया गया है. पंकज चैधरी का राजनीतिक सफर गोरखपुर नगर निगम से शुरू हुआ तो फिर आगे बढ़ता चला गया. उनकी किस्मत तब पलटी जब उनके जीवन में भाग्यश्री आईं. पार्षद से लेकर ‌‌डिप्टी मेयर के कार्य का अनुभव लेकर वो 1990 में भाजपा कार्य समिति के सदस्य बने.


मंत्रीमंडल में मिली जगह
पंकज चौधरी का विवाह 11 जून 1990 को भाग्यश्री से हुआ तो इनके तरक्की का द्वार खुल गए. वर्ष 1991 में राम लहर में महराजगंज से चुनाव जीतकर पहली बार सांसद बने. इसके बाद पीछे मुड़कर कभी नहीं देखेा. हालाकि, दो बार इनको हार का झटका भी लगा. लेकिन सरल स्वभाव, मृदुभाषी होने के कारण चौधरी एक जनप्रिय नेता बनकर उभरे. इनकी कर्मठता की बदौलत इनको केंद्रीय मंत्रीमंडल में जगह मिली है.


खुद को किया सबित 
जिले से 6 बार चुनाव जीतकर लोकसभा की दहलीज पर पहुंचने वाले सांसद पंकज चौधरी बुधवार को केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल हुए. इसकी भनक लगते ही भाजपा कार्यकर्ताओं समेत क्षेत्र की जनता में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. छठी बार संसद में पहुंचकर उन्होंने राष्ट्रीय नेतृत्व के समक्ष खुद को साबित कर दिया. ऐसे में उम्मीद के अनुसार पूर्वांचल के कद्दावर नेताओं में शुमार पंकज को केंद्रीय मंत्रीमंडल में भी जगह मिल गई.


खुश हैं कार्यकर्ता
भाजपा जिलाध्यक्ष परदेशी रविदास ने कहा कि ये जिले के लिए गौरव की बात है कि पहली बार कोई केंद्रीय मंत्री बना है. अब जिले का तेजी से विकास होगा. उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ता ही नहीं जिले की जनता में भी खुशी की लहर है. सिसवा विधानसभा के वरिष्ठ नेता अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने तराई की जनता का सम्मान बढ़ाने के लिए सांसद पंकज चौधरी को केंद्रीय मंत्री बनाया है, ये अपार खुशी का बात है.


मंत्री बनाने का किया था वादा
बीते चुनाव के दौरान नौतनवां में आयोजित सभा में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने वादा भी किया था कि पंकज को जिताकर भेजिए. उन्हें मंत्री बनाया जाएगा. इतने लंबे समय बाद आखिरकार राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपना वादा पूरा कर दिया.


ऐसे बने 6 बार सांसद
1991 से लेकर 2014 के चुनाव को देखें तो 1999 और 2009 में ही हार मिली. इसमें भी 1999 के चुनाव में हार का अंतर मात्र 10,644 मतों का ही रहा. इसमें सपा के अखिलेश सिंह 2,39,826 मत पाकर सांसद चुने गए थी. वहीं, पंकज चौधरी 2,29,182 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे. पंकज को 2009 में जोर का झटका लगा. कांग्रेस के हर्षवर्धन 3,54,074 मतों से विजयी हुए. लेकिन, 2019 के चुनाव में राजनीति के माहिर पंकज ने सभी आशंकाओं को खरिज करते हुए छठी बार भी जीत हासिल कर रिकॉर्ड कायम कर लिया. 


सांसद की प्रोफाइल


-पंकज चौधरी- सांसद


-पिता का नाम-स्‍वर्गीय भगवती प्रसाद चौधरी


-माता का नाम- उज्‍जवल चौधरी


-जन्म तिथि-20 नवंबर 1964, जन्म स्थान गोरखपुर


-पत्नी का नाम- भाग्‍यश्री


-विवाह की तिथि-11 जून 1990


सांसद पंकज चौधरी का राजनीतिक सफर


1989-91 सदस्य, नगर निगम, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश


1990-91 उप महापौर, नगर निगम, गोरखपुर


1990- कार्य समिति, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)


1991- 10वीं लोकसभा के लिए चुने गए


1991-96 सदस्य, पटल पर रखे गए कागजात संबंधी समिति और सदस्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और वन संबंधी समिति


1998 -12वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित (तीसरी अवधि)


2004- 14वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित (चौथा कार्यकाल)


2014- 16वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित (५वीं अवधि)


2019- 17वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित (छठा कार्यकाल)


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