Gorakhpur News: महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का 90वां संस्थापक सप्ताह समारोह में पहुंचे केन्द्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धमेन्द्र प्रधान ने कहा कि नेतृत्व उसी को कहते हैं, जो सिर्फ मुद्दे नहीं उठाता, बल्कि उसका समाधान भी करता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसा करके दिखाया है. बहुत सारे लोग गरीबी हटाओ का नारा देते हैं, भाषण देते हैं. लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे करके दिखाया है. खाद कारखाना, एम्स और आरएमआरसी सेंटर का लोकार्पण इसका उदाहरण है. उन्होंने कहा कि गोरखपुर में नई शिक्षा नीति को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और महायोगी गुरु गोरक्षनाथ विश्वविद्यालय के साथ अन्य राज्य विश्वविद्यालय पुरजोर तरीके से लागू करेंगे. उन्होंने वादा किया कि वो गोरक्षनगरी को वे ‘स्पेशल एजुकेशन जोन’ बनाएंगे.
शहीद सैन्य अधिकारियों और कर्मियों को दी श्रद्धांजलि
महाराणा प्रताप इंटर कालेज के प्रांगण में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद संस्थापक सप्ताह के मुख्य महोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर सीडीएस विपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और अन्य शहीद सैन्य अधिकारियों और कर्मियों को श्रद्धांजलि देकर दो मिनट का मौन रखा. इस दौरान केन्द्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धमेन्द्र प्रधान ने कहा कि भविष्य में बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की. ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ ने उसे आगे बढ़ाया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 21वीं सदी में गोरखधाम में एक नई ऊंचाई पर शिक्षा को पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं. एक नई परंपरा की शुरुआत हो गई है इस बीच में नई शिक्षा नीति देश में आई है.
गोरखपुर को बनाएंगे ‘स्पेशल एजुकेशन जोन’
उन्होंने आगे कहा कि आज मन भरा हुआ है क्योंकि देश के सेनापति सीडीएस बिपिन रावत जी की एक साल पहले इसी मंच पर गरिमामई उपस्थिति थी और आज उसी मंच पर मुझे बोलने का अवसर मिला है. उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि बिपिन रावत जी का बयान सुन रहा था. सेना में ज्वाइन करना केवल नौकरी और पैसा कमीशन नहीं है. सेना में ज्वाइन करने का मकसद देश की सेवा करने का एक अवसर है. उन्होंने आगे कहा कि गोरखपुर और यहां के गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय से बच्चे वैश्विक नागरिक बनेंगे. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पेशल एजुकेशन जोन के रूप में बनाने का नियम बनाया है. इस क्षेत्र को हम स्पेशल एजुकेशन जोन बनाएंगे. मेरे मन में विचार थे कि भगवा कपड़े में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ क्या मुद्दे उठाते होंगे. मुझे लगता था कि धर्म संस्कृति और परंपराओं के मुद्दे उठाते होंगे. लेकिन उन्होंने इस क्षेत्र के बच्चों की शिक्षा और चिकित्सा के बारे में मुद्दे उठाए.
सीएम और पीएम ने देश से गरीबी हटाई - धमेन्द्र प्रधान
धमेन्द्र प्रधान ने ये भी कहा कि बहुत से लोगों ने गरीबी हटाओ का नारा दिया पर उनके भाषण भाषण ही रह जाते हैं. लेकिन यहां पर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने खाद कारखाना, एम्स और आरएमआरसी सेंटर का लोकार्पण किया. मैं पेट्रोलियम मंत्री रहा हूं इसलिए जानकारी है कि पानी की तरह ही घर-घर में गैस पाइप लाइन से पहुंचेगी. बच्चे मन में संकल्प करें कि वो कैसे सदी में दुनिया के समस्या के समाधान का केंद्र गोरखपुर को बनाएंगे. इस महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के बनाएंगे. जब मैं एक नागरिक की हैसियत से भविष्य में यहां पर आऊंगा, तो भविष्य के सपने पर वार्ता होगी.
सीएम योगी ने दी बिपिन रावत को श्रद्धांजलि
वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महोत्सव कार्यक्रम में विगत एक सप्ताह और एक वर्ष में जिन छात्र-छात्राओं ने अपना स्थान बनाया है, आज हम उनके सम्मान में एकत्र हुए हैं. इसके साथ ही सीडीएस विपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और अन्य सैन्य अफसरों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए उपस्थित हुए हैं. एक वर्ष पहले उन्होंने यहां पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए थे. उस समय भी यहां के आचार्य, छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन किया था. वो दूरदर्शी सैन्य अधिकारी रहे हैं. उनका उद्बोधन दूरदर्शी होने का अहसास करता है.
धर्मेंद्र जी ने किया शिक्षकों और छात्रों का मार्गदर्शन – सीएम योगी
उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र प्रधान जी देश के शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री हैं. उन्होंने शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को मार्गदर्शन दिया है. नई शिक्षा नीति भारत को अलग राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में योगदान देगा. सभ्यता और सांस्कृतिक के केंद्र में शिक्षा है. ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ ने जब इसकी नींव रखी होगी तो उनके मन में भाव रहा होगा, कि हम देश को कैसा भविष्य दें.
शिक्षा जीवन में सबसे जरूरी है – सीएम योगी
सीएम ने कहा कि जीवन में सामाजिक क्रांति शिक्षा के बगैर सम्भव नहीं है. रूढ़ियों पर प्रहार करना है तो वो भी शिक्षा के बगैर सम्भव नहीं है. ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ, ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ और अन्य संतों के बताए मार्ग पर चलना होगा. हर एक संस्था नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार विद्यालय और शिक्षा परिषद पर काम करें. 2022 में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होगा, तो महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद अपना शताब्दी वर्ष मना रहा होगा. वर्ष और सप्ताह में सफल होने और अपना अलग स्थान बनाने वाले विद्यार्थियों और संस्थाओं को बधाई देता हूं.
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