Prabhat Gupta Murder Case: प्रभात गुप्ता हत्याकांड में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बड़ी राहत मिली है. राज्य सरकार की अपील को हाईकोर्ट ने खारिज किया है, ट्रायल कोर्ट के टेनी को बरी करने के फैसले पर हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी है. लखीमपुर की निचली अदालत ने टेनी को बरी कर दिया था लेकिन निचली अदालत के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील की थी. राज्य सरकार की अपील पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार की अपील को खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है.

बता दें कि साल 2000 में प्रभात गुप्ता की हत्या हुई थी और इस हत्याकांड में साल 2004 में ट्रायल कोर्ट ने सबूतों के अभाव में टेनी को बरी किया था. अजय मिश्रा के साथ सुभाष मामा, शशि भूषण, पिंकी और राकेश डालू को भी राहत मिली है क्योंकि यह भी इस हत्याकांड में आरोपी थे. साल 2000 में प्रभात गुप्ता की उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में सरे बाजार में घर लौटते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. प्रभात गुप्ता समाजवादी पार्टी का युवा नेता था और उस समय अजय मिश्रा टेनी बीजेपी से जुड़े थे. इस हत्याकांड में अजय मिश्रा टेनी समेत चार लोगों को नामजद किया गया था.


पंचायत चुनाव को लेकर विवाद का था मामला


अजय मिश्र टेनी को ट्रायल कोर्ट ने 2004 में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. हालांकि 2004 में यूपी सरकार ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया. इस मामले में राज्य सरकार की ओर से तर्क दिया गया था कि पंचायत चुनाव को लेकर टेनी का छात्र नेता प्रभात से विवाद चल रहा था. वहीं सरकार की ओर से आरोप लगाया गया था कि प्रभात को भी टेनी व अन्य आरोपी सुभाष मामा ने ही गोली मारी थी. इस घटना के चश्मदीद गवाह भी थे, जिनकी गवाही को ट्रायल कोर्ट ने नजरअंदाज कर दिया था.


UP Politics: पश्चिमी यूपी में जयंत चौधरी की आंधी, BJP को पछाड़ा, अखिलेश यादव का साथ छोड़ा तो साफ हो जाएगी सपा!