Women Reservation Bill: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जहां एक ओर संसद के विशेष सत्र की शुरुआत 18 सितंबर से हुई. वहीं 19 सितंबर को मंगलवार के दिन नए संसद भवन में कामकाज शुरू कर दिया गया. इस दौरान नई संसद के नए लोकसभा सदन के पहले ही दिन केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण बिल पेश किया. जिसे लेकर अपना दल (सोनेलाल) नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इस बिल का समर्थन किया है.
अनुप्रिया पटेल ने नई संसद के पहले दिन महिला आरक्षण बिल पेश होने को लेकर इसका समर्थन किया है. उनका कहना है कि 'पहले ही दिन संसद भवन में महिला के लिये सोचा गया. यह सरकार का सराहनीय काम है. महिला आरक्षण एक पुराना विषय था. सारे राजनीतिक दल इसके समर्थन में हैं. मुझे उम्मीद है की यह बिल आम सहमति से पारित हो जायेगा.'
महिलाओं के हित में विधेयक: अनुप्रिया पटेल
महिला आरक्षण बिल का समर्थन करते हुए अनुप्रिया पटेल का कहना है कि महिलाएं देश की आधी आबादी हैं. उनका कहना है कि महिलाओं के हित और उनके सशक्तिकरण के लिए इस बिल को संसद में पेश किया गया है. उनके अनुसार महिलाओं के उत्थान के बिना किसी भी लोकतंत्र को मजबूत नहीं किया जा सकता है.
सुब्रत पाठक ने भी किया समर्थन
उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक ने भी महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है. उनका कहना है कि 'एक अच्छी नीयत से सरकार ने यह बिल लाया है. विकसित भारत बनना है तो महिला को आगे ले जाना होगा और यह बिल पास होगा.' उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिला का आदर और सम्मान करते हैं. हमारे देश की संस्कृति में नारी को हमेशा पूजा जाता है. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 'कुछ लोग देश में बाधा डालना चाहते हैं और चाहते हैं कि संसद न चलें. 2008 में कांग्रेस की नियत महिला आरक्षण बिल पास करने की नहीं थी.'
बता दें कि नए संसद के लोकसभा सदन में मोदी सरकार ने महिला आरक्षण बिल का नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम-2023 दिया है. इस महिला आरक्षण बिल के पास होने के बाद लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें रिजर्व करने का प्रावधान लागू हो जाएगा. जो की कानून बन जाने के बाद 15 साल तक सीटें रिजर्व रहेंगी.
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