UP Politics News: केंद्रीय गृह मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) का नाम बदलने की बात कही. इसके बाद यूपी में सियासी भूचाल सा आ गया. गिरिराज के मुजफ्फरनगर का नाम बदलने की बात विपक्ष को इस कदर चुभी कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party), बसपा और कांग्रेस (Congress) के नेता बीजेपी पर हमलावर हो गए हैं. रालोद नेताओं का कहना है कि मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी ने नया शिगूफा छेड़ा है. ये काम नहीं आएगा क्योंकि मुजफ्फरनगर की एक सीट को छोड़कर सभी पांच विधानसभा सीट पर गठबंधन के विधायक हैं. 


सपा के नवनिर्वाचित जिलाध्यक्ष चौधरी जयवीर सिंह के स्वागत समारोह में पहुंचे पूर्व एमएलसी राकेश यादव ने कहा कि लोगों को बांटने की राजनीति अब नहीं चलेगी, किसान बेल्ट में न बकाया गन्ना भुगतान हुआ और न गन्ने का रेट बढ़ा, इस पर बात करिए, नाम बदलने में क्या रखा है? वहीं, कांग्रेस का कहना है कि कब तक लोगों को बांटने की सियासत की जाएगी.असल मुद्दों की बात होनी चाहिए. सपा विधायक ने मंत्री गिरिराज सिंह के मुजफ्फरनगर के नाम बदलने की मांग वाले बयान पर मनोज पारस ने कहा कि यह कहां-कहां बदलेंगे. यह तो हिंदुस्तान का इतिहास मिटाना चाहते हैं. जिन्होंने आजादी की लड़ाई में जरा सा भी रोल अदा नहीं किया, कोई बलिदान नहीं दिया आज वह लोग इस हिंदुस्तान के इतिहास को बदल कर अपने आप से लिखना चाहते हैं.


गिरिराज सिंह ने कही थी यह बात
मुजफ्फरनगर में चल रहे दो दिवसीय कृषि एवं पशु मेले के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मंच से किसानों को संबोधित करते हुए एक बड़ा बयान दे दिया था. उन्होंने कहा कि क्यों न इस जिले का नाम बदल दिया जाए. क्योंकि मैं तो इस जिले का नाम भी नहीं ले सकता. 75 साल हो गए यह जिला किसानों की राजधानी है लेकिन अच्छा नहीं लगता इस जिले का नाम किसानों के लिए एक चुनौती हो सकता है. इस जिले से मुगलों के निशानी को मिटाया जाना चाहिए.


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