Unified Pension Scheme: मोदी सरकार ने शनिवार (24 अगस्त) को यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दे दी है. इसमें सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद में एक निश्चित पेंशन मिलेगी. ये स्कीम 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी. इस योजना से केंद्र सरकार के करीब 23 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा. इस पर केंद्र सरकार में मंत्री और राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी की प्रतिक्रिया सामने आई है.
केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम का स्वागत करते हुए केंद्र सरकार की तारीफ की और कहा कि इससे सरकारी कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा हो सकेगी. जयंत चौधरी ने कहा कि एकीकृत पेंशन योजना से हमारे समर्पित सरकारी कर्मचारियों की उचित वित्तीय सुरक्षा सकेगी और भारत सरकार इनसेंटिव स्ट्रक्चर भारत सरकार के सुधारों को आगे बढ़ाएगा.
नई यूपीएस स्कीम को मंजूरी
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम है. इसके तहत कर्मचारियों के लिए एक निश्चित पेंशन स्कीम का प्रावधान किया जाएगा. राज्य सरकारों को एकीकृत पेंशन योजना चुनने का विकल्प भी दिया जाएगा. यदि राज्य सरकारें यूपीएस का विकल्प चुनती हैं, तो लाभार्थियों की संख्या लगभग 90 लाख होगी.
सरकार के मुताबिक एरियर पर 800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. पहले वर्ष में वार्षिक लागत वृद्धि लगभग 6,250 करोड़ रुपये होगी. यह योजना 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी. केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस के बीच चयन करने का विकल्प दिया जाएगा. केंद्र सरकार के एनपीएस ग्राहकों को यूपीएस पर स्विच करने का विकल्प भी दिया जाएगा.
नई योजना के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "सरकारी कर्मचारियों ने नई पेंशन योजना में कुछ बदलाव की मांग की थी. इसके लिए पीएम मोदी ने कैबिनेट सचिव टी.वी.सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया. इस समिति ने विभिन्न संगठनों और लगभग सभी राज्यों के साथ 100 से अधिक बैठकें कीं और इन सिफारिशों के आधार पर एकीकृत पेंशन योजना तैयार की गई है."