वाराणसी पहुंचे केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास अठावले ने सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में बहुजन कल्याण यात्रा जो कि 26 सितंबर को सहारनपुर से यात्रा निकली थी उसके बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि पूरे उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में यात्रा निकली है जिसका उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि बाबा साहब अंबेडकर की असली पार्टी R.I.P ही हैं. उन्होंने बसपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि बसपा को सिर्फ चुनाव लड़ने में इंटरेस्ट है उन्हें किसी के विचार से कोई मतलब नहीं है. मैंने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का विकास हो रहा है हम लोग जन जन तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं.


भाजपा हमें दे सकती है 10 से 12 सीटें


उन्होंने साफ तौर पर सपा और बसपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके शासनकाल में लोगों के बीच में जाति और धर्म के दूर भावनाओं को फैलाने का काम किया गया. रामदास अठावले का कहना है कि 8 से 10 सीटें हमें मिलने चाहिए लेकिन यह सब हम मांग करेंगे जब हम रैली हमारी जो लखनऊ की है वह सफल हो जाती है. फिलहाल में हमारे पार्टी एनडीए के साथ में गठबंधन में है ही. हमें ऐसा लगता है कि अगर हमारे रैली सफल होती है तो बीजेपी हमें 10 12 सीटें दे सकती है.


जहां पर हमारा यूनियन अच्छा काम कर रहा है वहां लड़ेंगे चुनाव


पश्चिमी यूपी में चुनाव लड़ने की बात पर उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पूर्वांचल और जहां जहां पर हमारा यूनियन अच्छा काम कर रहा है. वहां पर हम चुनाव लड़ सकते हैं. पूर्वांचल में 3 सीटों पर लड़ेंगे इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी इस पर हम सोचेंगे और कैंडिडेट जहां अच्छा रहेगा वहां चुनाव लड़ेंगे और हमें उम्मीद है कि 10 -12 सीटें हमें मिलेंगे. वहीं महंगाई के सवाल पर कहा कि महंगाई तो है ही लेकिन भारत सरकार ने टैक्स कम किया है और राज्य सरकारों ने भी टैक्स कम किया है.


जिससे महंगाई थोड़ी कम हुई है और जहां तक बात रोजगार की है तो उसके लिए बहुत सारे प्लान योगी आदित्यनाथ ने बनाए हैं और उत्तर प्रदेश के लाखों नौजवानों को रोजगार देने के संदर्भ में उनका प्लान है जिस तरह मुंबई और पुणे में पिछले 5 सालों में जो लोग यूपी छोड़ करके आते थे वह नहीं आ रहे हैं तो इसका मतलब है कहीं ना कहीं रोजगार यूपी में लोगों को मिल रहा है.


ओवैसी पर भी साधा निशाना


वही ओवैसी के इस बयान पर कि जिस तरह से प्रसिद्ध कानून वापस लिया गया उसी तरीके से एनआरसी और सीए को भी सरकार ले और इस पूरे मामले पर उन्होंने चेतावनी भी दी है. देख पर रामदास अठावले का कहना रहा कि कि अगर हर कानून इस तरह से हर व्यक्ति बोलने लगा कि वापस लो तो फिर मंत्रिमंडल का मतलब क्या रह जाएगा. कृषि कानून को लेकर के सरकार गंभीरता से विचार कर रहे थे जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है. अगर हर कानून को वापस लेने का काम सरकार करते रहे तो देश चलाना मुश्किल हो जाएगा.


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