केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने छात्रों से की रोज एक लीटर पानी बचाने की अपील
केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने छात्रों से रोजाना एक लीटर पानी बचाने की अपील की है। जल संरक्षण के लिए उन्होंने ‘समग्र शिक्षा-जल सुरक्षा’ अभियान की शुरुआत की।
नई दिल्ली, भाषा। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को देश के सभी स्कूलों के बच्चों में जल संरक्षण को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए ‘समग्र शिक्षा-जल सुरक्षा’ अभियान की शुरुआत की। इस दौरान निशंक ने छात्रों से प्रतिदिन एक लीटर पानी बचाने का संकल्प लेने की अपील की। दिल्ली कैंट स्थित केंद्रीय विद्यालय में इस अभियान की शुरूआत करते हुए निशंक ने छात्रों से कहा, ‘‘देश के कई इलाकों में पानी की कमी एवं आसन्न संकट को देखते हुए सभी छात्र यह संकल्प लें कि वे प्रतिदिन एक लीटर पानी बचायेंगे।’’
मानव संसाधन विकास मंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कई मौकों पर पर्यावरण एवं जल संरक्षण का महत्व बता चुके हैं और निकट भविष्य में कई क्षेत्रों में पानी का संकट होने के विषय को भी उन्होंने उठाया है। पानी के आसन्न संकट को देखते हुए हम सभी को सजग रहने की जरूरत है। निशंक ने कहा कि इस श्रृंखला में हम ‘समग्र शिक्षा-जल सुरक्षा’ अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में 278 जिले पानी के संकट से जूझ रहे हैं। देश के 6584 ब्लॉक में से 1034 ब्लॉकों में पानी की कमी है। ऐसे में हमें काफी सचेत रहना है।
मंत्री ने कहा कि देश में 911 विश्वविद्यालय और 40 हजार डिग्री कालेज हैं। इसके साथ ही 15 लाख स्कूल हैं जिनमें 11.8 लाख सरकारी स्कूल हैं। इन संस्थाओं में करीब 26 करोड़ बच्चे हैं और इनमें 15 करेड़ स्कूली बच्चे हैं। ‘‘हम इस महाअभियान की शुरूआत इन बच्चों से कर रहे हैं। छात्र संकल्प लें कि प्रतिदिन एक लीटर पानी बचायेंगे।’’ प्रधानमंत्री द्वारा जल संचय के महत्व को रेखांकित करने से प्रेरित होकर सरकार ने जल शक्ति अभियान (जेएसए) शुरू किया है। समग्र शिक्षा-जल सुरक्षा के तहत छात्रों को जल संरक्षण की अवधारणा एवं पानी के महत्व को समझाने पर जोर दिया गया है। इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि छात्र यह जान सकें कि जल संरक्षण कैसे उनके जीवन को सार्थकता के साथ आकार देता है, ताकि छात्र अपने रोजमर्रा के जीवन में जल संरक्षण की गतिविधियों को शामिल कर सके।
समग्र शिक्षा-जल सुरक्षा अभियान के पांच मुख्य उद्देश्य तय किये गए हैं जिनमें स्कूली बच्चों को जल संरक्षण को लेकर शिक्षित करना, जल की कमी से पड़ने वाले प्रभावों को लेकर छात्रों को संवेदनशील बनाना, उन्हें पानी के प्राकृतिक स्रोतों के संरक्षण के लिए सशक्त बनाना, प्रतिदिन एक लीटर पानी बचाना सीखने के लिए छात्रों की मदद करना तथा घर एवं स्कूल स्तर पर छात्रों को पानी के विवेकपूर्ण इस्तेमाल और न्यूनतम बर्बादी के लिए प्रोत्साहित करना शामिल है।
इस अभियान के तहत लक्ष्य रखा गया है कि एक छात्र एक दिन एक लीटर पानी की बचत करे, वह एक साल में 365 लीटर पानी की बचाये और 10 साल में 3650 लीटर पानी की बचत करे।
गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने स्कूली बच्चों में जल संरक्षण की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ‘समग्र शिक्षा- जल सुरक्षा’ अभियान की शुरुआत की है। इसमें जोर दिया गया है कि छात्र देश के सक्षम, कर्तव्यनिष्ठ और प्रतिबद्ध जल नागरिक बन सकें। देश के सभी स्कूलों में इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए विभाग ने इसकी एक विस्तृत रूपरेखा तैयार की है।