आगरा: कोरोना संक्रमण अब शहरों से गांव की ओर पैर पसार रहा है. कई सारे गांव में बड़े स्तर पर इस महामारी से मौत भी हुई हैं. पिछले दिनों कोरोना बीमारी फैलने पर ऑक्सीजन की कमी से बड़ी संख्या में मौतें हुईं हैं. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में सीमित संसाधन होने पर भी एक गांव ऐसा भी है, जहां के जागरूक ग्रामीणों ने अपनी राह खुद बनाई है. 


पीपल के पड़े पर बनाया आशियाना


आगरा के बरौली अहीर ब्लॉक के नौबरी गांव के रहने वाले ग्रामीणों ने पीपल के पेड़ को ही अपना आशियाना बना लिया है. इस गांव में कोरोना की पीक आने पर दो लोग काल के गाल में समा गए और जब अन्य लोगों की हालत बिगड़ी तो उनमें से एक युवक राजू यादव ने अपना स्थाई ठिकाना पीपल का पेड़ बना लिया. पीपल के पेड़ पर राजू यादव सुबह अपनी चारपाई बिछा लेते हैं और शाम तक पीपल के पेड़ पर ही रहते हैं.




पीपल का पेड़ लगाने की ठानी


बकौल राजू उनका ऑक्सीजन लेवल 88 पहुंच गया था, लेकिन जब से पेड़ को अस्थाई आशियाना बना है, तब से हालत काफी अच्छी है. यही नहीं, कई ग्रामीण रोजाना पीपल के पेड़ के नीचे रोजाना व्यायाम करते हैं, और महंगे इलाज से बचने के लिए अपने आप को ही प्रकृति के गोद में बिठा लिया है. गांव के प्रधान पति महिपाल सिंह यादव इसके लिए ग्रामीणों को जागरूक करते हैं. महिपाल सिंह ने अब ठान लिया है कि, शहरों में कैसे ऑक्सीजन की कमी से मौतें हुई हैं, ऐसे में बारिश के मौसम में बड़ी संख्या में पीपल के पेड़ लगाए जायेंगे. 


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