Sonbhadra: सोनभद्र में अनोखी शादी, पोती के साथ दादा-दादी, माता-पिता समेत तीन पीढ़ियों ने एक साथ लिए फेरे
Sonbhadra: यूपी के सोनभद्र में एक अनोखी शादी चर्चा का विषय बनी हुई है जहां एक परिवार की तीन पीढ़ियों ने एकसाथ शादी रचाई. यहां पर पोती के साथ दादा-दादी, माता-पिता और भाई-भाभी समेत 6 जोड़ों ने शादी की.
Unique Wedding in Sonbhadra: हमारे समाज में अक्सर सामूहिक विवाह के आयोजन देखने-सुनने को मिलते रहते हैं, लेकिन एक पूरे कुनबे की तीन पीढ़ियों ने एक साथ सामूहिक विवाह किया हो ऐसा शायद ही कभी आपने सुना होगा. यूपी के सोनभद्र में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जहां पोती की शादी से लेकर दादा-दादी, बेटे और बहुओं समेत तीन पीढ़ियों ने एक साथ सात फेरे लिए. सोनभद्र के दक्षिणांचल स्थित दुद्धी तहसील के दिघुल गांव में 6 जोड़ों की ये शादी अब चर्चा का विषय बनी हुई है. दिलचस्प बात ये है कि इस ऐतिहासिक शादी समारोह का आयोजन भी परिवार की एक बेटी की पहल हुआ.
तीन पीढ़ियों ने रचाई एक साथ शादी
दिघुल गांव में रहने वाले नंदकुमार की बेटी सपना की शादी 25 अप्रैल को तय की गई थी. माता पिता की तरफ से शादी की सभी तैयारियां भी पूरी कर ली गई. लेकिन इसी बीच लोगों में चर्चा शुरू हो गई कि सपना के बड़े भाई, माता-पिता से लेकर दादा-दादी तक ने प्रेम विवाह रचाया हुआ है. उनकी शादी में हिंदू रीति-रिवाज और उससे जुड़ी रस्म नहीं निभाई गई है. ऐसे में हिंदू रीति रवाज से होने वाली सपना की शादी में कन्यादान की रस्म किसकी तरफ से निभाई जाएगी? इसको लेकर सवाल उठने शुरू हो गए. कहा जाने लगा कि जब पिता की शादी को समाज वैधानिक मान्यता नहीं देता तो वह पिता अपने बेटी का कन्यादान कैसे कर सकता है?
बेटी की जिद पर परिवार ने रचाई शादी
जब ये बात दुल्हन सपना के कानों तक पहुंची तो उसने ये कहते हुए शादी करने से मना कर दिया कि जब तक उसके माता-पिता, दादा-दादी और परिवार के अन्य सदस्यों की शादी सामाजिक रीति रिवाजों से नहीं होगी, तब तक वो भी शादी नहीं करेगी. सपना के इस फैसले से हर कोई परेशान हो गया. लेकिन फिर बेटी की खातिर सब एकसाथ हंसी खुशी सामाजिक विधि विधान से शादी रचाने को तैयार हो गए. इसके बाद इस अनोखी शादी का आयोजन शुरू हो गया और 25 अप्रैल को सपना समेत पूरे परिवार ने हिन्दू रीति-रिवाजों से शादी कर इतिहास रच दिया.
सबसे पहले दादा दादी ने लिए फेरे
सपना की शादी के मंडप में से सबसे पहले दादा राम प्रसाद और दादी सुभगिया देवी ने सात फेरे लिए. उनके बाद सपना के माता-पिता और बड़े भाई-भाभी ने हिंदू परंपरा के मुताबिक शादी की रस्म निभाई. सबसे आखिर में जाकर सपना की शादी हुई, जिसका कन्यादान पिता नंद कुमार ने किया. इस अनोखी शादी की चर्चा गांव के साथ-साथ पूरे जिले में हो रही है.
हर जगह हो रही है शादी की चर्चा
गांववालों का कहना है कि नंदकुमार के परिवार में प्रेम विवाह एक परंपरा सी बन गई थी. इस कारण सामाजिक रिवाजों पर विश्वास करने वाले लोग उनसे दूरी बनाने लगे थे. लेकिन उनके घर की एक बेटी की जिद ने न केवल सभी के गिले-शिकवे दूर कर दिए, बल्कि सामाजिक रीति-रिवाजों से अपने माता-पिता दादा-दादी और भाई की शादी करवा कर, परिवार की शादी को सामाजिक मान्यता न मिलने के मसले को भी सदा के लिए खत्म कर दिया.
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