लखनऊ. उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में आंगनबाड़ी केंद्रों में पुष्टाहार वितरण में तकनीकी सहयोग के लिए मंगलवार को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं संयुक्त राष्ट्र की संस्था विश्व खाद्य कार्यक्रम (यूएन-डब्ल्यूएफपी) के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हुए है.
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) के साथ मिलकर प्रदेश के 18 जिलों के 204 विकास खण्डों में पुष्टाहार उत्पादन कर आंगनबाड़ी केन्द्रों में वितरित किया जाएगा. इस काम में यूएन-डब्ल्यूएफपी से तकनीकी सहयोग हासिल करने के लिए ये समझौता किया गया है.
सीएम योगी भी रहे मौजूद
इस दौरान यूपी के मुख्यमंत्री यौगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. सीएम ने इस योजना के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि कि इस योजना का उद्देश्य पुष्टाहार उत्पादन इकाई के जरिये स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को स्थायी रूप से आजीविका उपलब्ध कराना, आईसीडीएस की मांग को पूरा करना और लाभार्थियों को समय पर पूरक पोषण आहार की आपूर्ति किया जाना है.
इन जिलों में होगा पुष्टाहार उत्पादन का काम
सीएम ने कहा कि पुष्टाहार उत्पादन का कार्य अलीगढ़, अम्बेडकर नगर, औरैया, बागपत, बांदा, चन्दौली, इटावा, बिजनौर, फतेहपुर, गोरखपुर, कन्नौज, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, मैनपुरी, मिर्जापुर, प्रयागराज, सुल्तानपुर तथा उन्नाव में किया जाएगा. इसके अलावा बाकी जिलों में भी इसे शुरू किया जाएगा.
3 हजार से ज्यादा महिलाओं के पास होगा स्थायी रोजगार
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजीविका मिशन के माध्यम से 3 हजार से अधिक समूहों की महिलाएं उद्यमी बनेंगी और उनके पास स्थायी रोजगार उपलब्ध होगा. प्रत्येक महिला को साल में 240 दिन से अधिक का रोजगार मिलेगा. आंगनबाड़ी केन्द्रों को वितरित किये जाने वाले पूरक पोषण आहार पर प्राप्त लाभ में भी हिस्सा प्राप्त होगा. परियोजना का एक वर्ष का ‘टर्न ओवर’ 1,200 करोड़ रुपये होगा.
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