अलीगढ़, एजेंसी। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) प्रशासन ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद आजम खान को वर्ष 1975 में एएमयू से निकाले जाने पर कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया है। एएमयू के प्रवक्ता प्रोफेसर शाफे किदवई ने शनिवार को 'भाषा' से बातचीत में कहा कि एएमयू की कार्रवाई के तहत छात्रों के निष्कासन या निलम्बन और अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई से सम्बन्धित सभी दस्तावेज 24 अप्रैल 2016 को छात्रों द्वारा एएमयू प्रॉक्टर कार्यालय में लगाई गई आग में जल कर खाक हो गये हैं।


किदवई ने कहा 'इस बारे में (आजम पर) अगर कोई दस्तावेज विश्वविद्यालय के किसी दूसरे दफ्तर में रखा हो, तो मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है।' उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी दस्तावेज की तलाश की जा रही है।



हालांकि, एएमयू के एक पूर्व अधिकारी ने बताया कि अतीत में उन्होंने कुछ दस्तावेज देखे थे जिसके मुताबिक कि एलएलएम के छात्र रहे आजम को 26 सितम्बर 1975 को एक साल के लिये एएमयू से निष्कासित किया गया था। उन्होंने कहा कि आजम को 10 सितम्बर 1975 की रात परिसर में स्थित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में कुछ डॉक्टरों को धमकाने और उनके काम में बाधा डालने के आरोप में निष्कासित किया गया था।