NIRF Ranking: पूरब का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के शिक्षा के सूर्य का तेज मानो ढल गया है. बीते पांच साल से लगातार यूनिवर्सिटी NIRF की रैंकिंग में टॉप 100 से भी बाहर है. साल 2020, साल 2021, साल 2022, साल 2022, साल 2023 और अब साल 2024. बगल के ही बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय ने जहां टॉप 10 में जगह बनाई वहीं इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय इस बार भी खाली हाथ रहा. हालांकि इंजनीयरिंग कैटेगरी में इविवि को 201-300 और मैनेजमेंट कैटेगरी में 101-125 बैंड में स्थान मिला है. 


कमाना जा रहा था कि नियुक्तियों में तेजी, पढ़ाई के स्तर सुधारने की प्रक्रिया से इस बार NIRF रैंकिंग में यूनिवर्सिटी कम से कम टॉप 100 में तो जगह बना पाएगा मगर यह नहीं हो सका. रैंकिंग के लिए NIRF को दी गई जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय में स्नातक के लिए क्रमशः 3, 4 और 5 साल के कोर्स चलते हैं. इसके अलावा परास्नातक के भी कोर्स विश्वविद्यालय चलाता है. विश्वविद्यालय में शोध कार्य भी होते हैं. विश्वविद्यालय में फैकेल्टी की बात करें तो कुल 568 शिक्षक फिलहाल तैनात हैं. इसमे 348 Assistant Professor, 183 Professor और 37 शिक्षक Adhoc / Contractual पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.


हम प्रगति कर रहे हैं-प्रोफेसर
विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार तीन सौ पच्चीस करोड़ बहत्तर लाख तैंतालीस हजार छह सौ 52 रुपये सैलरी, पैंतालीस करोड़ अस्सी पांच लाख अस्सी पांच हजार आठ सौ  41 रुपए मेंटेनेंस, सैंतालीस लाख तिरसठ हजार सात सौ 17 रुपये सेमिनार और वर्कशॉप पर खर्च किए गए हैं. आंकड़ों में देखें तो विश्वविद्यालय ने हर साल अपनी स्थिति सुधारने के लिए खर्च बढ़ाया. पीजी कोर्स की बात करें तो 2021-22 में विश्वविद्यालय के कुल 325 बच्चों की प्लेसमेंट हुई थी और 2762 बच्चों ने आगे की पढ़ाई का रास्ता चुना था. 


इस सदंर्भ में एबीपी न्यूज़ से बातचीत में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अतुल नारायण सिंह ने कहा कि हम उत्तरोत्तर प्रगति कर रहे हैं. जिन विश्वविद्यालयों को टॉप रैंकिंग मिली है, उनके पास IIT भी है. हम केवल, यूजी, पीजी और शोध के कोर्स चला रहे हैं. हमारे पास न तो आईआईटी है और न ही मेडिकल कॉलेज. इन सब के बाद भी यूनिवर्सिटी ने बीते 3-4 सालों में बेहतर प्रगति की है. आने वाले दिनों में विश्वविद्यालय की सूरत और रैंकिंग दोनों बदलेगी.


उन्होंने कहा कि आज से 3-4 साल पहले विश्वविद्यालय की स्थिति कुछ और थी जब अब हालात बदले हैं. नियुक्तियों पर कुछ समय के लिए रोक थी लेकिन वह भी धीरे धीरे हो रही हैं. विश्वविद्यालय में शिक्षण और शोध का कार्य की गुणवत्ता बढ़ी है. हमारी कोशिश है कि हम विश्वविद्यालय का पुराना गौरव हासिल करें और निश्चित तौर पर हम इसमें सफल होंगे.  


प्रयागराज के और संस्थानों का क्या है हाल?
उधर प्रयागराज में ही स्थित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद (IIT-A) को 87वां स्थान और मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MNNIT) को 60वीं रैंक मिली है. इसके  साथ ही सैम हिगिनबॉटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय (शुआट्स) का 85वां स्थान आया है.