लखनऊ, एबीपी गंगा। राजधानी के अमीनाबाद में अवैध तरीके से दवाएं बेचे जाने का मामला सामने आया है। ड्रग टीम और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में अवैध कारोबार का भंडाफोड़ हुआ। इलाके के एक मेडिकल स्टोर में बिना लाइसेंस दवाएं बेची जा रही थीं। यही नहीं नियमों को ताक पर रखकर सरकारी डिस्पेंसरी में भी दवा की आपूर्ति की जा रही थी।


इस पूरे ऑपरेशन के लिए टीम काफी दिनों से छानबीन कर रही थी। इसी बीच मंगलवार को सहारा मेडिकल स्टोर पर दवाओं के अवैध कारोबार की भनक लगी। ऐसे में बुधवार को ड्रग टीम पुलिस के साथ शाम तीन बजे मेडिसिन मार्केट पहुंची। एफएसडीए के सहायक आयुक्त मंडल रमा शंकर, ड्रग इंस्पेक्टर माधुरी सिंह, उन्नाव के ड्रग इंस्पेक्टर अजय संतोषी, सीतापुर के ड्रग इंस्पेक्टर नवीन कुमार ने सहारा मेडिकल स्टोर पर दोबारा छापा मारा। बेसमेंट में संचालित सहारा मेडिकल स्टोर में लाखों की दवाएं मिलीं। यहां 15 के करीब कर्मचारी ड्यूटी पर मिले। सहायक आयुक्त रमाशंकर के मुताबिक सहारा मेडिकल स्टोर पर मौजूद कर्मचारी लाइसेंस नहीं दिखा सके। वहीं, खरीद-फरोख्त का रिकॉर्ड भी सही नहीं मिला। पूछताछ के दौरान ये जानकारी सामने आई, कि स्टोर का मालिक मेरठ का निवासी है। वहीं, टीम ने मेडिकल स्टोर पर ताला लगाकर उसे सील कर दिया।


डिस्पेंसरी में कोरियर से भेजी जा रही थी दवा


सहायक आयुक्त रमा शंकर के मुताबिक मेडिकल स्टोर से सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) के तहत सरकारी डिस्पेंसरी (वेलनेस सेंटर) पर दवाएं आपूर्ति की जा रही थीं। ऐसे में बगैर पंजीकृत मेडिकल स्टोर से कैसे दवाएं ली जा रही थीं। इसकी भी जांच की जाएंगी। इन डिस्पेंसरी की संख्या राजधानी में छह से अधिक है। मेडिकल स्टोर संचालक के पास इन डिस्पेंसरी के आर्डर, कोटेशन और टेंडर का कोई ब्योरा नहीं निकला। इन डिस्पेंसरी की दवाओं का आर्डर ऑनलाइन भेजा जाता था।