UP News: उन्नाव में फीस जमा करने में देरी होने पर पांचवीं कक्षा की छात्रा को प्रिंसिपल ने स्कूल में दिनभर खड़ा रखा और परीक्षा नहीं देने दिया. यह घटना सोमवार की है. छात्रा का रोते हुआ वीडियो वायरल हुआ है. वीडियो सामने आने के बाद उन्नाव के जिलाधिकारी और उप-जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं. जांच में स्कूल के दस्तावेज में गड़बड़ी पाई गई और अब उसकी मान्यता रद्द की जा सकती है.


य़ह है पूरा मामला


बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला पश्चिम टोला के रहने वाले गोविंद कुशवाहा की बेटी अपूर्वा बांगरमऊ कस्बा संचालित बाल विद्या मंदिर में कक्षा 5 की छात्रा है, स्कूल फीस भरने में दो दिन की देरी हुई थी जिसके बाद स्कूल प्रिंसिपल ने अपूर्वा को परीक्षा नहीं देने दी. अपूर्वा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. छात्रा ने रोते हुए स्कूल प्रबंधन की करतूत को बयां किया. वीडियो पर संज्ञान लेते हुए बांगरमऊ के एसडीएम उदित नारायण सेंगर ने स्कूल पहुंचकर कई बिंदुओं पर गहन जांच की. एसडीएम ने बताया मामले की जांच की जा रही है, मान्यता संबंधी कागजों में खामियां पाई गई हैं. उन्होंने कहा कि मान्यता रद्द करने की कार्रवाई के अलावा कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.


जिला पंचायत अध्यक्ष ने की आर्थिक मदद


उधर, उन्नाव जिला पंचायत अध्यक्ष शकुन सिंह ने वीडियो का संज्ञान लेते हुए अपने बेटे शशांक शेखर सिंह को बेटी की मदद के लिए उसके घर भेजा. जिला पंचायत अध्यक्ष ने स्कूल प्रबंधन से कहा है कि वे किसी बच्चे के साथ दुर्व्यवहार ना करें. शशांक शेखर सिंह ने कहा कि ऐसी घटनाएं समाज में गलत है, इस तरह की घटनाओं से बच्चों को मानसिक आघात पहुंचता है. 



बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने स्कूल प्रबंधन को घेरा


वहीं, अब बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी स्कूल प्रबंधन और व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. वरुण गांधी ने ट्वीट किया, ' इस बेटी के आंसू उन लाखों बच्चों की संयुक्त पीड़ा बता रहे हैं जिन्हें फीस न जमा होने के कारण उपहास झेलना पड़ता है. आर्थिक तंगी बच्चों की शिक्षा में रोड़ा ना बने यह हर जिले के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की नैतिक जिम्मेदारी है. निजी संस्थान मानवता न भूलें, शिक्षा व्यापार नहीं है.'


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