Unnav Amrut Yojana: उन्नाव के शहरी क्षेत्र में प्रत्येक घर में लोगों को पीने के लिए साफ पानी मुहैया कराए जाने के लिए सरकार ने एक योजना शुरू की थी. अमृत योजना (Amrut Yojna) सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. इसके तहत गंगा (Ganga) नदी से पानी लेकर उसका ट्रीटमेंट कर पीने के योग्या बनाया जाना था. इसके बाद उसकी लोगों के घरों तक आपूर्ति की जानी थी. 


योजना से काफी दूर है हकीकत
हकीकत में अभी तक उन्नाव में ऐसा कुछ भी नहीं हो सका है. बड़े बजट की यह योजना जिम्मेदार अधिकारियों के लिए लूट का जरिया बन कर रह गई है. दो बार निर्धारित समय अवधि पूरी होने के बाद भी इस योजना का कार्य पूरा नहीं कराया जा सका है. लोगों के घरों में साफ पानी मुहैया कराए जाने का प्लान अभी भी सिर्फ कागजों पर अटका हुआ है. कहीं पाइप लाइन पूरी नहीं हो सकी है, तो कहीं पर अन्य तरह की दिक्कत है. 


388 करोड़ की थी योजना
जानकारी हो कि उन्नाव के शहरी इलाके में इस पूरी योजना को 338 करोड़ से पूरा किया जाना था. इसके लिए दो चरण निर्धारित किए गए थे. 253 करोड़ की लागत से प्रथम फेस और 85 करोड़ की लागत से द्वितीय चरण को पूर्ण किया जाना था. इसे 31 जनवरी 2023 तक पूर्ण हो जाना था, जो अभी तक अधूरा है.


संभरखेड़ा में बना है ट्रीटमेंट प्लांट
सरकार ने इस योजना के लिए 338 करोड़ का भारी भरकम बजट भी जारी किया. इसके बाद कार्य भी शुरू हो गया. शहरी क्षेत्रों में पाइप लाइन डाल कर लोगों के घरों में कनेक्शन देने शुरू कर दिए गए. इसके बाद गंगा नदी से पानी लेने के लिए पाइप लाइन डाली गई. इस पानी को ट्रीट करने के लिए सरोसी ब्लॉक के संभरखेड़ा गांव में बड़ा ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया, जहां पर गंगा नदी के पानी को ट्रीट किया जाना था. इसके बाद पाइप लाइन से पानी की आपूर्ति की जानी थी.


दो चरणों में होना था काम
इस कार्य को दो चरणों में बांटा गया था. पहले चरण में 253 करोड़ के बजट से शुक्लागंज में 5 और उन्नाव में 10 टैंक का निर्माण किया जाना था. जबकि, दूसरे चरण में 420 किलोमीटर की पाइप लाइन डाली जानी थी और 27000 घरों में कनेक्शन दिए जाने थे. दो बार निर्धारित अवधि पूरी हो चुकी है, लेकिन कार्य अब भी अधूरा है. 31 जनवरी 2023 को फिर समय अवधि पूरी हो चुकी है. लेकिन अभी भी काम अधूरा पड़ा है. 


आपूर्ति शुरू हुई तो मिले लिकेज
शहर में कई जगहों पर पानी की आपूर्ति चालू कर टेस्टिंग की गई तो तमाम जगहों पर पाइप लाइन में बड़े-बड़े लीकेज मिले. अब उन्हें सही करवाने का कार्य करवाया जा रहा है. एक अप्रैल तक लोगों के घरों में पानी पहुंचाने का कार्य किया जाना था, जो अभी अधर में ही लटका दिख रहा है. इधर, जिन सड़कों को खोदकर पाइप लाइन डाली गई है, उन्हें भी अब तक सही नहीं करवाया गया है. इससे आम नागरिकों में रोष है.
 
जानें क्या बोले जल निगम के एक्सईएन
इस मामले में जब एक्सईएन जल निगम से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अमृत योजना में दो स्कीम थी. फेस वन, जिसमें गंगा नदी से पानी प्लांट में लाया जाना था. इसके बाद ट्रीटमेंट कर कर उन्नाव के शुक्लागंज की 15 टंकियों में सप्लाई की जानी थी. वह कार्य पूरा हो गया और उसकी टेस्टिंग भी कंप्लीट हो गई है. अब चीजें ट्रायल पीरियड में हैं. उन्होंने कहा कि दो माह का ट्रायल पीरियड है, जो चल रहा है. इसके बाद डाली गईं पाइप लाइनों के माध्यम से लोगों के घरों में कनेक्शन दिया जाएगा. हमारा यह काम भी लगभग पूरा हो गया है. लगभग 420 किलोमीटर लाइन डाली जानी थी, जिसमें 380 किलोमीटर की लाइन पूरी तरीके से पड़ चुकी है, जबकि 30 किलोमीटर की लाइन कहीं विवाद की वजह से तो कहीं अन्य वजह से रुकी हुई है. इस पर काम जारी है. फेस वन की लागत 253 करोड़ जबकि फेस टू की लागत 85 करोड़ है. 


ठेकेदार पर 50 लाख का जुर्माना
एक्सईएन ने बताया कि इस योजना के कार्य की अंतिम डेडलाइन 31 जनवरी 2023 थी. इसके बाद दो माह ट्रायल रन के लिए था. हालांकि मार्च माह का लास्ट चल रहा है. संस्था द्वारा कार्य अभी भी पूर्ण नहीं कराया गया है. इस कारण संस्था पर 50 लाख रुपये के जुर्माने की नोटिस जारी कर दी गई है. उन्होंने कहा कि घरों में अप्रैल माह तक हम हर हाल में पानी की सप्लाई चालू कर देंगे. अभी हमने शेखपुर और सिंगरौसी में पानी चालू किया है. ज़ोन 3 में कासिम नगर, आवास विकास और पूरन नगर में चालू कर रहे हैं. अगले 8 से 10 दिन में वहां पूर्ण रूप से सप्लाई चालू कर दी जाएगी.


प्रभारी मंत्री ने दिया रटा-रटाया जवाब
इस मामले को लेकर जनपद के प्रभारी मंत्री दयाशंकर सिंह से पूछा गया तो उन्होंने वही रटा-रटाया जवाब सुना दिया. प्रभारी मंत्री ने कहा कि आज की मीटिंग में इस पर हम लोगों ने चर्चा की है. जल्द ही इसका समाधान कर दिया जाएगा. 


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