नई दिल्ली, एबीपी गंगा। कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ मंगलवार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत में कुलदीप सिंह सेंगर को कितनी सजा सुनाई जाए इसको लेकर सीबीआई कुलदीप सिंह सिंगर के वकील और पीड़िता के वकील के बीच बहस हुई। इस दौरान कोर्ट में दलील रखी गई कि सीबीआई के वकील ने कोर्ट में दलील रखते हुए कहा कि कुलदीप सिंह सिंगर को उनके अपराध के लिए कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने नाबालिग लड़की के साथ ना सिर्फ शारीरिक उत्पीड़न किया है बल्कि मानसिक उत्पीड़न भी किया है। कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ सजा में किसी तरह की रियायत नहीं करनी चाहिए इससे समाज में गलत संदेश जाएगा।


इसके साथ ही सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि पीड़िता अकेली पूरे सिस्टम से लड़ाई लड़ी है उसे बेहतर इंसाफ मिलना चाहिए। वहीं दूसरी ओर तीस हजारी कोर्ट को बताया गया कि पिता को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 2,50,0000 रुपए दिए जा चुके हैं। कुलदीप सिंह सिंगर के वकील ने अपनी दलील में कुलदीप सिंह सेंगर के इलाके में किए गए कार्यों को बताया। सेंगर के वकील ने कहा कि कुलदीप सिंह सिंगर ने अपने इलाके में कई सारे बेहतर काम किए हैं। और उनकी खुद बेटी है इसलिए कुलदीप सिंह सेंगर को कम से कम सजा दी जाए। साथ ही कोर्ट में कुलदीप सिंह सेंगर के किए कृत्य पर पीड़िता को हर्जाना दिए जाने पर भी बात हुई जिस पर कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर की आज संबंधित दस्तावेज व प्रावधानों को देखने के लिए दस्तावेज मांगे हैं, जिससे कि मुआवजा तय किया जा सके। दूसरी ओर कुलदीप सिंह सेंगर के वकील की बात की जाये तो उन्होंने कोर्ट में दलील दी है कि हर्जाना या मुआवजा कुलदीप सिंह सेंगर की ओर से ना देकर सरकार की ओर से दिया जाना चाहिए, जो दिया जा चुका है।


तीस हजारी कोर्ट 20 दिसंबर को दोपहर 12:00 बजे मामले की सुनवाई करेगा। जहां पर कुलदीप सिंह सेंगर को सजा सुनाई जाएगी। कुलदीप सिंह सेंगर के वकील ने कुलदीप सिंह सिंगर के सामाजिक कार्य और जेल में उनकी अच्छे व्यवहार के दलील देते हुए कहा है कि उनको कम से कम सजा दी जाए। गौरतलब है कि कुलदीप सिंह सिंगर को रेप का दोषी के साथ-साथ पास्को एक्ट भी लगाया गया है, क्योंकि बलात्कार के वक्त पीड़िता नाबालिग थी कुलदीप सिंह सेंगर के ऊपर जो आरोप लगे हैं। उन आरोपों में 10 वर्ष से उम्र कैद तक की सजा है। अब देखना ये है कि तीस हजारी कोर्ट 20 तारीख को कुलदीप सिंह सेंगर को किन किन आरोपों में कितनी सजा सुनाती है।