उन्नाव मामला: पीड़िता के चाचा को तिहाड़ जेल शिफ्ट करने का आदेश, पढ़ें- SC में आज क्या हुआ
उन्नाव रेप पीड़िता का इलाज लखनऊ में ही होगा। वहीं, पीड़िता के चाचा को रायबरेली जेल से तिहाड़ जेल शिफ्ट किया जाएगा। उन्नाव मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया है।
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। उन्नाव रेप पीड़िता के चाचा को रायबरेली से तिहाड़ जेल शिफ्ट किया जाएगा। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश देते हुए कहा कि महेश को तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया जाए। अब इस केस की अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
उन्नाव रेप पीड़िता के चाचा को 2001 में मार-पिटाई के एक मामले में सजा मिली है। रायबरेली सड़क दुर्घटना में उनकी पत्नी की मौत हो चुकी है, उन्हें एक दिन के लिए उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने से लिए पेरोल मिली थी। कोर्ट के आदेश के बाद अब पीड़िता के चाचा को तत्काल रायबरेली से तिहाड़ जेल शिफ्ट किया जाएगा।
बता दें कि उन्नाव केस पर आज (2 अगस्त) सुनवाई के दौरान रेप पीड़िता के वकीलों ने अदालत को सूचिया किया कि पीड़िता का परिवार लखनऊ में ही इलाज कराना चाहता है। वे नहीं चाहते कि उसे दिल्ली शिफ्ट किया जाएगा। दरअसल, एक अगस्त को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पीड़िता को एयरलिफ्ट कर दिल्ली के एम्स में एडमिट कराने के संकेत देते हुए उसके परिवार से राय मांगी थी।
रायबरेली एक्सीडेंट पर बुरी तरह से जख्मी हुई पीड़िता व उसके वकील का लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। दोनों का इलाज कर रहे मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने रिपोर्ट दी थी कि दोनों को उचित इलाज मिल रहा है। इसके बावजूद अगर उनका परिवार और कोर्ट चाहे, तो उन्हें कहीं और भेजा जा सकता है। इसमें कोई खतरा नहीं है।
उन्नाव मामले से जुड़े पांचों केस दिल्ली ट्रांसफर
बता दें कि 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले से जुड़े सभी पांच केस दिल्ली ट्रांसफर कर दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली की निचली अदालत में पांचों केस की सुनवाई एक ही जज करेगा और सुनवाई शुरू होने के 45 दिन के भीतर इसे निपटाया जाएगा।
अधिकतम 2 हफ्तों में सीबीआई को पूरी करनी होगी जांच
वहीं, कोर्ट ने सीबीआई को पीड़िता के साथ रायबरेली में हुए एक्सीडेंट की जांच अधिकतम 2 हफ्ते में पूरी करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता, उसके वकील और परिवार को तुरंत सुरक्षा मुहैया कराने का भी आदेश दिया। कोर्ट ने कहा है कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) पीड़ितों की सुरक्षा का जिम्मा संभाले। इसके साथ ही, कोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया है कि वो पीड़िता को 25 लाख रुपए का अंतरिम मुआवजा दे। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता के परिवार को CRPF की सुरक्षा मुहैया कराई गई है।
रेप पीड़िता और वकील की हालत नाजुक
गौरतलब है कि रायबरेली एक्सीडेंट पर बुरी तरह से जख्मी हुई उन्नाव रेप पीड़िता और वकील महेंद्र सिंह की स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। लखनऊ के केजीएमयू के डॉक्टर्स लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं, लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं आ पा रहा है। इस बीच सबकी नजरें सरकार पर लगी हैं कि क्या रेप पीड़िता और वकील को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली या किसी और जगह शिफ्ट किया जाएगा या नहीं। इस मामले को लेकर सीबीआई की टीम उन्नाव, सीतापुर और रायबरेली समेत लखनऊ में छानबीन कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, सीबीआई को अधिकतम दो हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट देनी है। ऐसे में सीबीआई की जांच में तेजी आ सकती है। पीड़िता की कार को टक्कर मारने वाले ट्रक के मालिक देवेंद्र किशोर पाल को पूछताछ के बाद सीबीआई ने छोड़ दिया है, जबकि ड्राइवर और क्लीनर जेल में हैं। इस बीच गुरुवार को सरकार ने पीड़िता की सुरक्षा में लगे तीनों सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया है। वहीं, बीजेपी ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को भी पार्टी से बर्खास्त कर दिया है।
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