उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मनसा है कि प्रदेश भय मुक्त रहे महिलाएं सुरक्षित हैं. प्रदेश में शांति व्यवस्था कायम रहे लेकिन अंबेडकर नगर जैसी घटना एक बड़ा सवाल खड़ा करती है कि आखिर कहां गई एंटी रोमियो टीम कहां गई पुलिस और कहां गया प्रशासन. जब छात्रा के साथ छेड़छाड़ हो रही थी और उसके बाद उसका दुपट्टा छीना गया और वह बाइक के नीचे आ गई जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई. अगर समय रहते शोहदों और मनचलों पर कार्रवाई हो गई होती तो शायद नैंसी आज जिंदा होती.


शोहदों को भेजा था सलाखों के पीछे


ऐसा ही एक वाक्या उन्नाव में भी हो रहा था यहां मनचलों द्वारा एक छात्रा को परेशान किया जा रहा था. ऐसे ही नैंसी जैसी एक छात्र परेशान थी लेकिन जैसे ही इसकी खबर उन्नाव के तत्कालीन सीडीओ IAS दिव्यांशु पटेल को लगी तो तत्काल उन्होंने शोहदों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई और शोहदों को सलाखों के पीछे भिजवाया. जिससे वह छात्रा अब सुरक्षित है और मनचले उस छात्रा या उस जैसी किसी भी छात्रा को छेड़ने की हिमाकत तक नहीं करेंगे. क्योंकि जान चुके हैं कि अगर ऐसी हरकत दोबारा की तो फिर से सलाखें ही मिलेंगी.


मां ने तहसील दिवस में दी थी शिकायत


बता दें कि पीड़िता की एक मां ने तहसील दिवस में तत्कालीन सीडीओ IAS दिव्यांशु पटेल को अपनी शिकायत दी. इस मामले पर सीडीओ ने कोतवाल से इस प्रकरण पर कार्यवाही की अपडेट मांगी तो कोतवाल कुछ नहीं बता सके, जिसके बाद IAS दिव्यशु पटेल ने कोतवाल को जमकर फटकार लगाई. इसके साथ ही कोतवाल को तत्काल मुकदमा दर्ज कर शोहदों को जेल भेजना के लिए कहा, जैसे ही सीडीओ ने आदेश दिया वैसे ही शोहदे सलाखों के पीछे चले गए.


Sanatan Controversy: 'मच्छर भर लोग क्या सनातन खत्म करेंगे', योगी के मंत्री की I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं को दो टूक