Unnao News: उन्नाव में युवती की हत्या मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में युवती की मौत करीब डेढ़ महीने पहले होने की जानकारी दी गई है. वहीं दम घुटने से युवती की मौत की पुष्टि हुई है. तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया है, जिसमें डॉ. अजित सिंह, डॉ. संजीव कुमार और डॉ. निधि दुबे शामिल हैं.


बताया गया है कि गला दबाकर युवती की हत्या की गई है. हत्या से पहले युवती की पिटाई की गई. युवती के गले की हड्डी टूटी मिली है. वहीं, सिर पर दो गम्भीर चोट पाई गईं. रेप की आशंका से डॉक्टरों ने जांच के लिए स्लाइड भी बनवाई गई, पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई. युवती के परिवारीजनों में पुलिस-प्रशासन के प्रति भारी आक्रोश है.  युवती के पिता का कहना है कि पोस्टमार्टम में रेप की बात नहीं लिखी, एफआईआर में भी रेप की धारा नहीं जोड़ी गई, जब तक पोस्टमार्टम और एफआईआर में रेप का जिक्र नहीं होगा तब तक अंतिम संस्कार नहीं होने देंगे. वहीं, पुलिस-प्रशासन के अधिकारी पीड़ित परिजनों को मनाने में जुट गए हैं.


जानें पूरा मामला


बता दें कि उन्नाव के सदर कोतवाली क्षेत्र में रहने वाली एक दलित महिला की बेटी 8 दिसंबर 2021 से लापता थी. बेटी के गायब होने पर माता पिता ने 9 दिसंबर को ही पूर्व मंत्री के बेटे रजोल सिंह के खिलाफ तहरीर देते हुए बेटी के अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया था. वहीं, मामला में सपा के पूर्व राज्यमंत्री और कद्दावर नेता रहे फतेहबहादुर के बेटे का नाम होने के कारण पुलिस लगातार मामले में देरी कर रही थी.


बेटी लापता होने के बाद कोई ठोस कदम न उठाएं जाने और आरोपी राजोल सिंह के खुलेआम घूमने को लेकर पीड़िता की मां कई बार आला अधिकारियों से मिली लेकिन कार्रवाई के नाम पर सब कुछ शून्य रहा. कुम्भकर्णी नींद में सो रहे अधिकारियों से परेशान मां अफसरों के चौखट पर न्याय की गुहार लगाती रही लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी. अंत में जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो 24 जनवरी को लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की गाड़ी के आगे कूदकर पीड़िता की मां ने आत्मदाह की कोशिश की थी.


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