Unnao News: यूपी के उन्नाव में एक बुजुर्ग ने पत्नी और बच्चों से हुए विवाद के बाद हैरान करने वाला कदम उठा लिया. उन्होंने खुद के जिंदा रहते हुए मृत्यु के बाद होने वाले अपनी सभी संस्कार खुद ही कर डाले हैं. यही नहीं उसने अपनी समाधि के लिए पक्का चबूतरा भी बनवाया है, जहां उसका अंतिम संस्कार किया जा सके. गुरुवार को उन्होंने अपनी तेरहवीं और पिंडदान भी किया, जिसके बाद लोगों को बाकायदा भोज भी कराया गया. बुजुर्ग की ये हरकत इन दिनों गांव में चर्चा का विषय बनी हुई है. 


उन्नाव के नवाबगंज विकास खंड के केवाना गांव में रहने वाले जटाशंकर की पत्नी मुन्नीदेवी के अलावा परिवार में 5 बेटे व 2 बेटियां हैं. जिसमें अभी किसी की शादी नहीं हुई है. पड़ोसियों के मुताबिक जटाशंकर का पत्नी और बच्चों से अक्सर विवाद होता रहता है. जिसके चलते वो अपने खेतों में रहने लगा और परिवार से दूर चला गया. बच्चे और पत्नी कभी-कभी उनसे मिलने चले जाते हैं. करीब दो साल पहले जटाशंकर ने खेत में ही एक पक्का चबूतरा बनाया था और लोगों से कहा कि जब मैं मरूं तो यहीं पर दफना देना, लेकिन, लोग उसे मजाक समझते रहे. 


बुजुर्ग ने जिंदा रहते की खुद की तेरहवीं


पिछले दिनों उसकी फिर से पत्नी से अनबन हो गई, जिसके बाद जटाशंकर ने 3 दिन पहले अपना दसवां संस्कार सभी कर्मकांडों के साथ किया. गुरुवार को जटाशंकर ने पत्नी, बच्चों व परिवार के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में अपना पिंडदान व अन्य संस्कार करने के साथ ही तेरहवीं भी कर डाली. इसके बाद बाकायदा गांव के लोगों को भोज भी कराया गया. 


जिंदा होकर खुद की तेरहवीं करने वाले जटाशंकर का कहना है कि वह जिन्दा रहते अपने सभी क्रिया कर्म करना चाहता है, क्योंकि उसके मरने के बाद पता नहीं कौन करेगा. वहीं जटाशंकर के इस कदम से गांव में ही नहीं पूरे क्षेत्र में चर्चा हो रही है. 


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