Unnao News: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बारासगवर थाना क्षेत्र के लालमनखेड़ा गांव में 19 नवंबर को चार बच्चों की मौत के मामले में उनके पिता को हिरासत में ले लिया है. दरअसल मामले में दो दिन पहले पुलिस ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद लखनऊ केजीएमयू के मानसिक रोग विभाग में भर्ती आरोपित पिता को हिरासत में लेकर थाने ले आई है. जहां उससे वायरल वीडियो को लेकर उससे तफ्तीश की जा रही है.


एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना ने बताया कि आरोपित की हालत में सुधार होने पर उसे यहां लाया गया. अब गहनता से पूछताछ की जा रही है. लालमनखेड़ा गांव में 19 नवम्बर को वीरेंद्र पासी के चार मासूम बच्चों मयंक, हिमांशी, हिमांक व मानसी के शव घर में पड़े मिले थे. मामले में पहले करंट से मौत बताई गई, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट न होने पर चारों के विसरा जांच को भेजे गए.


वहीं एक वायरल वीडियो में पिता वीरेंद्र ने बच्चों के मारने की बात कबूल की तो पुलिस ने उसे मानसिक रोगी बता लखनऊ केजीएमयू में भर्ती करा दिया था. अब पत्नी शिवदेवी अन्य महिलाओं के साथ बारा सगवर थाने में मुकदमा दर्ज कराने के लिए गई. तब पुलिस ने आरोपित वीरेंद्र पर हत्या व जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज किया.


पीड़िता के घर पर पुलिस की घटना के बाद से तैनाती


बारा सगवर पुलिस ने पीड़िता के घर आकर घटना स्थल का मौका मुआयना किया और नजरी-नक्शा बनाया. घटनास्थल की फोटो व वीडियो बनाने के साथ ही गवाहों के नाम लिखकर उनसे बातचीत की. पड़ोसी महिला रुपा से भी कई बिंदुओं पर जानकारी हासिल की गई.


पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर उठ रहे सवाल


मामले को लेकर सवाल उठा रहे कि अभी तक पुलिस बच्चों की मौत करंट से होना बता रही. उसका कहना है कि विसरा जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. उधर परिजन व ग्रामीणों का कहना है कि जब करंट लगा ही नहीं तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में करंट लगने की बात कहां से आ गई.


घबरा कर केजीएमयू से भागा तीमारदार का बड़ा भाई
 
लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज में भर्ती वीरेंद्र की तीमारदारी में बड़ा भाई सुरेंद्र लगा हुआ था. सुरेंद्र को जब छोटे भाई वीरेंद्र की काली कारतूत का पता लगा. तब वह चुपके से अस्पताल से भाग निकला. किराया न होने से वह लखनऊ से पैदल ही गांव आ गया. पुलिस ने अभिलेखों में उससे भी हस्ताक्षर भी करवाए जा रहे थे.


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