Unnao News: 'कानपुर देहात अग्निकांड' के बाद परिजनों से मिलने जा रहा था कांग्रेस डेलिगेशन, उन्नाव पुलिस ने रास्ते में रोका
Unnao Police: उन्नाव पुलिस को सूचना मिली कि कांग्रेस का यह डेलिगेशन सोहरामऊ पार करके नवाबगंज टोल प्लाजा पहुंचने वाला है, जिसके बाद भारी संख्या में हाइवे पर पुलिस फोर्स तैनात हो गई.
Unnao News: कानपुर देहात अग्निकांड में परिजनों से मिलने जा रहे कांग्रेस डेलिगेशन को उन्नाव पुलिस (Unnao Police) ने लखनऊ-कानपुर हाईवे पर नवाबगंज टोल प्लाजा पर रोक लिया है. जिनमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी, प्रांतीय अध्यक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी और प्रांतीय अध्यक्ष नकुल दुबे शामिल हैं. साथ ही हाइवे पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स लगाई गई है. कांग्रेस डेलिगेशन प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी की अगुवाई में कानपुर देहात में हुए अग्निकांड के मामले में पीड़ित परिवार से मुलाकात करने जा रहा था.
इस दौरान पुलिस को सूचना मिली कि कांग्रेस का यह डेलिगेशन सोहरामऊ पार करके नवाबगंज टोल प्लाजा पहुंचने वाला है, जिसके बाद भारी संख्या में हाइवे पर फोर्स तैनात हो गई. पुलिस फोर्स ने मौके पर पहुंच नवाबगंज टोल पहुंचने के पहले ही कांग्रेस के नेताओं को रोक लिया.
'पुलिस ने रास्ते में रोक लिया'
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष समेत कांग्रेस नेताओं को रास्ते में ही हिरासत में ले लिया गया है. कांग्रेस नेताओं ने भरसक कानपुर देहात जाने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें जाने नहीं दिया गया. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने कहा कि सोमवार को कानपुर देहात में जो घटना घटी हैं, उस घटना को लेकर जानकारी प्राप्त हुई थी जिसके बाद कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल, हमारे पूर्व मंत्री और प्रांतीय अध्यक्षनसीमुद्दीन सिद्दीकी, प्रांतीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री नकुल दुबे और प्रदेश के पदाधिकारी मौजूद हैं. हम संवेदनाओं को व्यक्त करने के साथ-साथ घटना की जानकारी के लिए निकले थे कि हकीकत घटना क्या थी, लेकिन इस बैरियर पर पुलिस ने हमें रोका है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने आगे कहा कि हमें यह कहकर रोका गया है कि हमें उच्चाधिकारियों के निर्देश है कि आपको यहां से ना निकलने दिया जाए. यह तो सरासर सरकार की एक तरीके की गुंडई है. हमें जो स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति मिली है, उस पर कुठाराघात है. संविधान के दायरे में हम हमारी टीम के साथ उस गांव के पीड़ित पक्ष के घर जाना चाह रहे थे. यह लगातार हमको रोक रहे हैं. इसी जद्दोजहद में पुलिस प्रशासन ने हमे डिटेन किया है हम लोग प्रयास कर रहे हैं कि उच्च जो आदेश हुआ है उस अधिकारी का का कुछ पता लगे तो हम उस अधिकारी से सीधे बात करें की क्या हमें अधिकार नहीं हैं. किसी के सुख-दुख में शामिल होने का अधिकार नहीं है. तो वह संविधान के खिलाफ होगा और अगर अधिकार है तो हमें जाने दिया जाए.
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