उन्नाव, एबीपी गंगा। उन्नाव में गैंगरेप पीड़िती का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। अंतिम संस्कार के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात नजर आया। इस दौरान कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और कई अदिकारी भी मौजूद रहे। इससे पहले पीड़ित परिवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलाने की मांग पर अड़ा हुआ था। जिसके बाद आईजी और कमिश्नर ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें अंतिम संस्कार के लिए राजी किया। परिवार के एक सदस्य को अब सरकारी नौकरी दी जाएगी। बतादें कि सरकार की तरफ से पहले ही पीड़ित परिवार को 25 लाख की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर का भी आश्वासन दिया गया है।



आपको बता दें कि आरोपियों द्वारा जिंदा जलाई गई उन्नाव रेप पीड़िता की शुक्रवार रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। पीड़िता के शव को पोस्टमॉर्टम के बाद लखनऊ के रास्ते सड़क मार्ग से उन्नाव लाया गया। बेटी की मौत के बाद परिवार में मातम पसरा है। पीड़िता के पिता का कहना है कि उनकी बेटी के गुनहगारों का हैदराबाद गैंगरेप के आरोपियों जैसा एनकाउंटर कर दिया जाना चाहिए।


गिरफ्तारी से क्या होगा
रेप पीड़िता के पिता ने कहा, 'आरोपियों को गिफ्तार कर लेने से क्या होगा। यह तो ऐसे है जैसे जानवरों को जेल में बंद कर दिया। मेरा कहना है कि उनको फांसी दी जाए या फिर एनकाउंटर किया जाए। मुझे दूसरा कोई रास्ता नहीं सूझता। मेरी यूपी के मुख्यमंत्री से मांग है कि एनकाउंटर करवाएं या फिर फांसी दी जाए।'


दौड़ाकर गोली मारी जाए
पीड़िता के पिता ने कहा कि उनकी बेटी के गुनहगारों को कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की जरूरत नहीं है। हैदराबाद में जो कांड हुआ है, वही सजा मिले। या फिर दौड़ाकर गोली मारी जाए। या फिर फांसी दी जाए। उन्होंने कहा, 'मेरी बेटी को आरोपियों ने पेट्रोल डालकर जलाया। उससे फोन पर बात हुई थी तो उसने बस इतना कहा था कि- सांस चल रही है। मैं समझ गया था कि अब वह नहीं बचेगी। शुक्रवार रात 11.40 पर उसने दम तोड़ दिया।'


सख्त सजा की मांग
रेप पीड़िता के भाई ने कड़ी सजा की मांग करते हुए कहा कि आरोपियों को मौत से कम की सजा नहीं मिलनी चाहिए। पीड़िता के भाई ने कहा, 'मेरे पास कहने को कुछ नहीं बचा है। मेरी बहन अब हमारे बीच नहीं है। मेरी इकलौती मांग यह है कि सभी पांच आरोपियों को कम से कम फांसी की सजा हो।' रेप पीड़िता की बहन ने कहा है कि उनके साथ इंसाफ नहीं हुआ। 'इस मामले में आरोपियों के सख्त से सख्त सजा दी जाए। हमारे साथ न्याय नहीं हुआ।'