उन्नाव: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सरकार बनने के बाद सबसे पहले पूरे प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का निर्देश दिया था, और अभियान चला कर सड़कों को दुरुस्त करने का अभियान चलाया गया. लेकिन उन्नाव में सड़क निर्माण के नाम पर सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति की गई. उन्नाव शहर की सबसे अहम सड़क जो छोटा चौराहा से लोकनगर होते हुए कब्बाखेड़ा निकली है. 5 किलोमीटर की सड़क में 3 किलोमीटर का हिस्सा पीडब्लूडी और दो किलोमीटर का हिस्सा नगर पालिका के अंतर्गत आता है. नगर पालिका ने अपने अंतर्गत आने वाले हिस्से को ऐसे ही छोड़ दिया है. इस सड़क को देखकर यह अनुमान लगाना कठिन है कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढो में सड़क. इस क्षेत्र के रहने वाले नागरिक सड़क पर भरी गंदगी और गंदे पानी से होकर गुजरने को मजबूर हैं. सड़क की इस दुर्दशा के कारण यहां के दुकानदारों की बिक्री बुरी तरह से प्रभावित हो चुकी है. अब मजबूरी में लोग इस क्षेत्र को छोड़कर जाने को मजबूर हो रहे हैं.


मुख्य सड़क दस वर्षों से हैं खराब


उन्नाव में गड्ढा मुक्त सड़कों के नाम पर चलाया गया अभियान सिर्फ हवा हवाई ही साबित हुआ है. क्योंकि यहां की सड़कें आज भी गड्ढों में तब्दील है. उन्नाव शहर की सबसे अहम सड़क जो छोटा चौराहा से लोक नगर होते हुए कब्बा खेड़ा निकली है. नगर पालिका के अंतर्गत आने वाली 2 किलोमीटर की इस सड़क की हालत बद से बदतर हो चुकी है. पिछले करीब 10 वर्षों से इस सड़क के यही हाल हैं जो साल दर साल बिगड़ते ही जा रहे हैं. अगर कहा जाए कि यह सड़क उन्नाव शहर की लाइफ लाइन है तो यह गलत न होगा. बावजूद इसके यह सड़क गड्ढे में तब्दील हो चुकी है. बरसात के मौसम में यह सड़क सबसे बड़ी मुसीबत बन जाती है, क्योंकि यह सड़क बारिश में सड़क नहीं बल्कि पूरी तरह से तालाब बन जाती है. जिससे पैदल चलने वाले लोगों को फिर किसी दूसरे रास्ते से होकर आना जाना पड़ता है. 


पलायन को मजबूर हो रहे हैं दुकानदार 


वहीं, इस सड़क को लेकर यहां के रहने वाले लोगों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम लोग बहुत बुरी स्थिति से गुजर रहे हैं. इस सड़क पर दुकान करने वाले दुकानदारों का कहना है कि सड़क खराब होने के कारण उनकी दुकानदारी पूरी तरह से प्रभावित हो चुकी है. खराब सड़क और जलभराव के कारण ग्राहक यहां आना पसंद नहीं करता. यहां रहने वाले चंद्रभूषण कहते हैं कि, कई बार शिकायत की गई लेकिन कहीं कोई सुनने वाला नहीं है. करीब 7 साल पहले एक बार सड़क बनी थी, और बनने के कुछ दिनों बाद ही सड़क फिर से खराब हो गई. इस सड़क पर एक तरफ जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने से घरों से निकलने वाला गंदा पानी भी सड़क पर ही भरता है. जो और भी ज्यादा मुसीबत बन गया है. जबकि दूसरे व्यक्ति ने बताया कि अक्सर लोग इस सड़क के गड्ढों में गिरकर चुटहिल हो जाते हैं. आये दिन गाड़ियां इस सड़क पर फंस जाती हैं और सारा दिन जाम लगा रहता है. लोगों ने बताया कि कई बार शिकायत की गई है, लिखित में भी शिकायत की गई है, फिर भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है. यही नहीं इस सड़क से सभी अधिकारी भी आये दिन गुजरते हैं, बावजूद इसके यह सड़क अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है, और इस क्षेत्र के नागरिक आज भी विकास से कोसो दूर हैं. 


डीएम के बयान में भी झोल 


वहीं, इस पूरे मामले में जिलाधिकारी उन्नाव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि, उन्हें नगर पालिका में जो भी क्षतिग्रस्त सड़के हैं या जलभराव की स्थिति है उसके लिए निरंतर अधिशासी अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं. आज भी हमने सभी मजिस्ट्रेट की टीम लगाकर और नगर पालिका की जो माननीय अध्यक्षा जी हैं उनसे भी मेरी बात हुई थी. आगे भी जन सुविधा के लिए जो भी कार्य हैं, वह शीघ्र ही कराए जाएंगे. डीएम साहब के जवाब में खुद ही बड़ा झोल है क्योंकि उन्नाव के अधिशासी अधिकारी स्थानांतरण गैर जनपद हो चुका है और नए आने वाले अधिशासी अधिकारी ने अभी तक चार्ज नहीं लिया है, ऐसे में सड़क की समस्या से दो-चार हो रहे लोगों की मुसीबत फिलहाल कम होती नहीं दिख रही है.


 


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