यूपी के इस गांव में 3 महिला टीचर्स ने ली 400 दिनों की मेडिकल लीव, महीनों से पड़ा बंद
Unnao School News: उन्नाव के एक स्कूल की शिकायत मिलने पर राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम जांच करने पहुंची, तो दंग रह गई. यहां कई ऐसी खामियां पाई गई जो अधिकारियों के नाक नीचे हो रही थीं.
Unnao News Today: उत्तर प्रदेश के उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज के जरिये गोद लिए गांव में राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम जांच करने पहुंची. जांच के बाद राज्य बाल संरक्षण आयोग ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. शिकायत मिलने के बाद महीनों से बंद पड़े एक स्कूल की आयोग की टीम जांच करने पहुंची थी.
यह मामला उन्नाव मुख्यालय से महज 7 किमी दूर स्थित टीकरगढ़ी उच्च प्राथमिक विद्यालय का है. मौके पर पहुंची टीम ने स्कूल में बंद पड़े कमरें का ताला तुड़वाकर अभिलेख खंगाले तो चौंक गई. यहां तैनात शिक्षिकाओं ने साल भर में तीन सौ पैंसठ दिनों के बजाए चार सौ दिनों का मेडिकल लीव चढ़ा रखा था.
वेतन रोकने का आदेश
यह देख जांच टीम के भी होश उड़ गए. इसके अलावा बंद कमरें में बच्चों को दिए जाने वाला खाद्यान्न सामाग्री भी सड़ी गली अवस्था में मिली है. जिसके बाद BSA ने BEO को जांच करने को कहा है और शिक्षिकाओं का वेतन तत्काल प्रभाव से रोकने के आदेश दिए हैं.
इसके अलावा मेडिकल लीव में हुई इस गड़बड़ी की रिपोर्ट प्रमुख सचिव शिक्षा को देने की बात कही है. इस मामले में अब शिक्षा विभाग के अधिकारियों के जरिये जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं.
एमपी ने गांव को लिया है गोद
बता दें, उन्नाव सांसद साक्षी महाराज ने टीकरगढ़ी गांव को गोद लिया. टीकरगढ़ी उच्च प्राथमिक विद्यालय में हेड मास्टर अल्का सिंह, मंजू समेत तीन शिक्षिकओं की तैनाती है. सालों से शिक्षिकाओं में चले रहे आपसी विवाद के कारण शैक्षणिक कार्य नहीं हो रहा है.
इसकी शिकायत राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य श्यामपति त्रिपाठी से की गई. इस शिकायत के बाद जांच करने पहुंची टीम ने एक के बाद एक कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. टीम ने स्कूल में बंद पड़े कमरे का ताला तुड़वाया, तो करीब आठ महीने से बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील का सामान पड़ा मिला जो पूरी तरह से सड़ा चुका था.
4 महीने से नहीं हुई बैठक
इसके अलावा सप्ताह में हर बुधवार को होने वाली शिक्षा समिति की बैठक करीब 4 महीने से नहीं हुई है. इसके अलावा अभिलेखों की जांच से पता चला कि यहां पर तैनात शिक्षिकाओं ने साल भर में 365 दिनों की जगह 400 दिनों की मेडिकल लीव चढ़ा रखी थी.
विभागीय जानकारी के अनुसार मेडिकल लीव पूरे सेवाकाल में सिर्फ दो साल के लिए ही मिल सकती है, जो 6 माह से अधिक नहीं दी जा सकती है. इतनी बड़ी गड़बड़ी को लेकर शिक्षा विभाग के शक के घेरे में है. फिलहाल BSA के आदेश पर BEO (खंड शिक्षा अधिकारी) संजय यादव मामले की जांच में जुटे है.
तीनों शिक्षिकाओं को ट्रांसफर
BSA ने तीनों शिक्षिकाओं को अलग-अलग स्कूलों में भेजने के अलावा वेतन रोकने के भी आदेश दिए हैं. उन्नाव खंड शिक्षा अधिकारी संजय यादव ने बताया कि निरीक्षण में 2 खामियां पाई गई हैं, जिसमें शिक्षकों के जरिये लिए गए अवकाश और मिड डे मील ना बनने की शिकायत मिली है.
खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया की तीनों शिक्षकों के जरिये किस तरह से कितने अवकाश लिए गए हैं? साथ ही साथ भोजन नहीं बन रहा था, भोजन नहीं बनने पर क्या कार्रवाई की गई? आज शाम तक आख्या मांगी गई है. उन्होंने बताया कि आख्या रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
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