Unnao News: उत्तर प्रदेश में अधिकारियों की लापरवाही के चलते जेल में बंद कैदियों में एड्स (AIDS) और हेपेटाइटिस (Hepatitis) जैसी बीमारियां फैल रही है. उन्नाव में उत्तर प्रदेश एड्स नियंत्रण सोसायटी के निर्देश पर 1 हजार 338 कैदियों का हेल्थ चेकअप किया गया था. जिसमें दो एचआईवी के मरीज और पुराने 8 मरीज मिलाकर कुल 10 एड्स से ग्रसित पाए गए. जबकि 9 हेपेटाइटिस के मरीज है और 3 सिफलिस के मरीज और 2 टीबी के मरीज पाए गए हैं. रिपोर्ट आने के बाद यूपी के कई जेलों में हड़कंप मचा हुआ है. एड्स जैसी बीमार से ग्रस्त मरीजों को अन्य कैदियों की तरह सामान्य बैरकों में रखा गया है, जिसके चलते अन्य कैदियों में डर का माहौल है.
1338 कैदियों का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण
उप क्षयरोग अधिकारी डा. मनीष मिश्र ने बताया कि तीन दिन में कारागार में निरुद्ध 1338 बंदियों की जांच की गई है. जिसमें एचआईवी पाजिटिव दो, हेपेटाइटिस के चार, सिफलिस तीन और टीबी के दो मरीज मिले हैं. उत्तर प्रदेश सेक्स कंट्रोल सोसायटी के निर्देश पर दिनांक 4 से लेकर 9 दिसंबर के बीच में कैंप लगाया गया था. इसमें पांच बीमारियों की जांच का निर्देश था. जिसमें दो एचआईवी, 9 हेपेटाइटिस के मरीज है. जिसमें 4 हेपेटाइटिस बी है 5 हेपेटाइटिस सी के पेसेंट है. इसकते अलावा 3 सिफलिस के मरीज और 2 टीबी के मरीज निकले हैं. टीबी के मरीजों का और एआरटी वालों का तुरंत रजिस्ट्रेशन करके तुरंत इलाज शुरू कर दिया गया है. सिफलिस मरीजों को दवा दे दी गई है.
मरीजों को हुआ उपचार
हेपेटाइटिस बी की लिस्ट बना करके नोडल सेक्टर में दे दी गई है.जैसे ही दवाइयां जीएसपीएम आएंगी, तत्काल उनका इलाज शुरू कर दिया जाएगा. उन लोगों का पंजीकरण हमारे एआरटी सेंटर जिला अस्पताल में किया जाता है. वहीं से उनकी एआरटी की दवा चालू कर दी जाती है. उन्होंने बताया कि टीवी के 4 बंदी जो है इलाज कराके ठीक हो चुके हैं. दो नए बंदी मिले हैं, जिनका इलाज हम लोगों ने शुरू कर दिया है. टोटल जो है इस समय जो मरीज हो गए हैं 7 मरीज पूर्व में एआरटी ले रहे है और दो मरीज जो है. इस बार के अभियान में 2 नए मरीज चिन्हित हुए हैं.