Unnao News: खबर उन्नाव से है, जहां जिला योजना समिति की बैठक जनपद के प्रभारी मंत्री व यूपी परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह (Dayashankar Singh Dayashankar Singh ) मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए. बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष शकुन सिंह (Sakun Singh), सदर विधायक पंकज गुप्ता (Pankaj Gupta) , विधायक अनिल सिंह (Anita Singh) समेत अन्य विधायक मौजूद रहे. वहीं बैठक के पहले परिवहन मंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद डीएम अपूर्वा दुबे (Apporva Dubey) और एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना (Siddhatrh Shankar Meena) ने उनका बुके देकर स्वागत किया.
4.93 अरब के विकास कार्यों के प्रस्ताव परित
इस दौरान जिला योजना समिति की बैठक में विभागों की तरफ से 4.93 अरब के विकास कार्यों के प्रस्ताव दिए गए, जिन्हें सदन से पास कर शासन के पास भेजने की प्रक्रिया पर मुहर लगाई गई. परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने विकास कार्यों को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की. विकास कार्यों में शिथिलता मिलने पर मंत्री ने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को इसमें सुधार लाने की चेतावनी दी.
प्रियंका गांधी के बयान पर मंत्री ने दिया ये जवाब
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने मीडिया से बातचीत में प्रियंका गांधी के पीएम को कायर बताने वाले बयान पर कहा कि प्रधानमंत्री को किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जी-20 का नेतृत्व कर रहे हैं. दुनिया उनको अपना नेता मान रही है. वह दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं, सबसे ताकतवर नेता हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अब समाप्त हो रही है. उत्तर प्रदेश में उनका गढ़ था, जहां उनके नाना-नानी, दादा-दादी सभी एमएलए एमपी रहे, अब उसी यूपी को छोड़कर उन्हें केरल भागना पड़ गया. ये लोग न्यायालय के निर्णय से बौखलए हुए हैं.
योगी सरकार में अपराधियों को हो रही सजा
अतीक अहमद की सजा पर परिवहन मंत्री ने कहा कि सरकार का काम यही है. प्रभावी ढंग से पैरवी करके ऐसे अपराधियों को सजा दिलाना. उन्होंने कहा कि जब से उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार आई है, केवल अतीक अहमद ही नहीं, जितने भी इस तरह के माफिया हैं, इस तरह के गलत लोग हैं, सबको सजा हो रही है. उन्होंने कहा कि कानून का काम है, उन्हें सजा दिलाना. हमारे अधिकारियों का काम है, उनकी के लिए पैरवी करना. अब ईमानदारी के साथ पैरवी हो रही है. इसलिए इनकी सजा हुई. सरकार ने सही तथ्यों को न्यायालय तक पहुंचाने का काम किया.
राहुल गांधी ने संसद में फाड़ा था प्रस्ताव
राहुल गांधी के साथ विपक्ष के एकजुट होने के सवाल पर कहा कि राहुल गांधी कि जो सदस्यता रद्द हुई है, वह उनकी ही देन है. उन्होंने ही संसद के अंदर इस प्रस्ताव को फाड़ा था. मंत्री ने कहा कि पहले भी जनप्रतिनिधियों को सजा होती थी. उनकी सदस्यता समाप्त हो जाती थी, लेकिन उनको एक अवसर मिलता था उच्च न्यायालय में जा कर अपनी बात रखते थे. न्यायालय भी उनके केस को कंसीडर करता था. सदस्यता रद्द नहीं होती थी, लेकिन संसद के अंदर मीडिया के सामने राहुल गांधी ने विधेयक को फाड़ा था. जिसे सजा दिलाने के लिए यह विधेयक लाए थे, आज उसके कारण जो कानून बना वह कानून सबके लिए बना. उसके तहत इनको भी सजा हुई. उन्होंने कहा कि विपक्ष गलत कहता है, क्योंकि विपक्ष को पता है यह कानून किसने बनाया और कब बनाया. प्रशासन और न्यायालय कानून का पालन कराने के लिए हैं. कानून का पालन हुआ, उन्होंने जो गलती की, उसकी सजा मिली.
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