Bhagwan Parshuram Statue: भगवान परशुराम के प्रतिमा का अनावरण करते हुए डिप्टी सीएम ने साधा विपक्ष पर निधाना, कही यह बड़ी बात
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गोसाईंगंज में भगवान परशुराम की प्रतिमा का अनावरण किया तो डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कृष्णानगर के सहसोवीर मंदिर में भगवान परशुराम की प्रतिमा का अनावरण किया.
Bhagwan Parshuram Statue: चुनावी मौसम में राजनेताओं को कभी भगवान राम तो कभी भगवान परशुराम याद आ रहे हैं. हालांकि बात सिर्फ आस्था और श्रद्धा तक नही बल्कि इससे कहीं आगे ब्राह्मण वोटबैंक को साधने की है. पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गोसाईंगंज में भगवान परशुराम की प्रतिमा का अनावरण किया तो डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कृष्णानगर के सहसोवीर मंदिर में भगवान परशुराम की प्रतिमा का अनावरण किया. हालांकि सपा हो या भाजपा, दोनों ही अपने कार्य को आस्था और श्रद्धा जबकि दूसरे के अनावरण को चुनावी मजबूरी साबित करने में जुटे हैं.
हम वोट के लिए काम नहीं करते
डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने आज भगवान परशुराम की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद विपक्षी दलों पर निशाना भी साधा. उन्होंने कहा कि कुछ के लिए ये आस्था का पल तो कुछ के लिए चुनावी.हम भगवान परशुराम के नाम पर 2-3 साल पहले कानपुर में पार्क बना चुके. लखनऊ के राजाजीपुरम में परशुराम चौक बहुत पहले बना चुके. ये लोग नकल इसलिए कर रहे क्योंकि इनको दिखाने की जरूरत है. ये आस्था नही चुनावी आकांक्षा है इनकी. हमारी आस्था का प्रश्न है, राजनीति का स्टंट नहीं. सपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कुछ मौसमी रामभक्त हैं तो कुछ श्रद्धा से कुछ गोली चलवाते तो कुछ मंदिर बनवाते हैं. कुछ कहते परिंदा पर नही मरेगा और बाद में घंटा घड़ियाल बजाने की प्रैक्टिस करते हैं. हमारे लिए परशुराम आस्था के हैं उनके नाम में भी राम है. हमने सभी महापुरुषों की प्रतिमा लगवाई. दिनेश शर्मा ने कहा हम वोट के लिए काम नही करते.
कांग्रेस शासन में तिलक लगाना, कलावा बांधकर आना अपराध था
डिप्टी सीएम शर्मा ने कांग्रेस पर निशाना साधते कहा कि रामसेतु बंद करने के लिए कोर्ट में एफिडेविट देने वाले भी आज दिल्ली की गलियों से निकलकर राजनैतिक पर्यटन पर निकले, दर्शन करने जाते हैं. पहले कोई चिल्लाता था जय श्री राम तो पड़ती थी लाठी कहा जाता था जाओ घर पर करो आराम. एक शासन में तिलक लगाना, कलावा बांधकर आना अपराध था. आज एजेंडा बदला, लोगों को खोज खोज कर महापुरुषों की याद आ रही. जो मौसमी परशुरामी, मौसमी रामभक्त बने जनता उनको बेहतर पहचानती. ये डरते क्योंकि लोग नेताओं से पूछेंगे की क्या सपा, बसपा के सर्वोच्च नेता कभी राम मंदिर गए हैं? क्या सोनिया गांधी कभी राम मंदिर गयी? राम भक्तों पर गोली किसने चलाई? रामलला, रामसेतु, रामेश्वरम का अस्तित्व नही है, कहने वाले कौन हैं? जनता ये प्रश्न पूछेगी यही घबराहट है उनमें.
अनादर करने वालों को भगवान दंड भी देते हैं
भगवान राम सबके हैं, सबका कल्याण करें. लेकिन जो उनका अनादर करते भगवान उनको दंड भी देते हैं. जिन्होंने रामभक्तों पर गोली चलवाई, आज राम नाम लेने को बाध्य हैं. कुछ लोग कहते थे राम मंदिर में चिकित्सालय, पंचायत घर बन जायेगा. कुछ कांवड़ियों के जुलूस पर पत्थर बरसाने वालों को संरक्षण देते थे. वहीं योगी जी ने फूल बरसाने का काम किया. चुनाव आने पर ये लोग विभिन्न जातियों के सम्मेलन, महापुरुषों का स्मरण करने लगते हैं और चुनाव बाद सम्प्रदाय, जाती का त्रुष्टिकरण करने लगते, कुछ लोगों के लिए काम करने लगते हैं. जिन्होंने बहुसंख्यक जातियों का उत्पीड़न किया वो आज मजबूर हैं.
भगवान परशुराम में मेरी आस्था
भगवान परशुराम की प्रतिमा लगवाने वाले सांसद रीता जोशी के बेटे मयंक जोशी ने कहा की ये 1 मार्बल स्लैब से बनाई गयी है. जयपुर में बनी 6 फीट ऊंची इस प्रतिमा का वजह 700 किलो है. भगवान का भव्य विकराल रूप है. प्रतिमा करीब ढाई महीने पहले बनकर आयी लेकिन खंडित हो गयी. मयंक ने कहा कि सपा ने सिर्फ उसे वोट बैंक समझकर लगवाया. लेकिन मेरी आस्था है, इसमे राजमीति न देखें. फायदा नुकसान में न देखें. मयंक ने कहा की भगवान परशुराम विष्णु के अवतार जिन्हें उनका आज तक स्थान नहीं मिला. आस्था फैलाएंगे तो और लोग जानेंगे.
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