लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा शिक्षा) डॉक्टर रजनीश दुबे ने बताया कि कोरोना के चलते प्रदेश में गंभीर रूप से बीमार मरीजों को इलाज उपलब्ध कराने के लिए लखनऊ में आईसीयू बेड्स की संख्या को बढ़ाकर जल्द ही 1000 कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके लिए विशेषज्ञ मैनपावर की व्यवस्था की जा चुकी है जबकि उपकरणों आपूर्ति तेजी से सुनिश्चित की जा रही है. वहीं एमडी और डीएम पासआउट लगभग 250 विशेषज्ञों को कोरोना के चलते सीनियर रेजीडेण्ट के रूप में अनिवार्य रूप से एक साल के लिए क्लीनिकल विभागों में लगाया गया है.


एसजीपीजीआई में 100 से बढ़ाकर 186 आईसीयू बेड के इंतजाम


अपर मुख्य सचिव ने बताया कि इससे पूरे प्रदेश के गम्भीर रोगियों को जल्दी उपचार मिलेगा. वहीं डॉक्टर दुबे ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में पिछले 10 दिनों में जनपद में 174 आईसीयू बेड बढ़ाये गए हैं. इनमें केजीएमयू में 100 से बढ़ाकर 168 आईसीयू बेड, एसजीपीजीआई में 100 से बढ़ाकर 186 आईसीयू बेड और डॉक्टर राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में 40 से बढ़ाकर 60 आईसीयू बेड की व्यवस्था की गई है.


बैकअप के रूप में हिन्द मेडिकल कॉलेज


डॉक्टर रजनीश दुबे ने बताया कि राजधानी के तीन प्राइवेट मेडिकल कॉलेज एरा, इन्टीग्रल और टीएस मिश्रा मेडिकल कॉलेज में 230 आईसीयू बेड उपलब्ध हैं. वहीं बाराबंकी स्थित हिन्द मेडिकल कॉलेज को बैकअप के रूप में रखा गया है, जिसमें वर्तमान में 60 आईसीयू बेड उपलब्ध हैं. इस प्रकार लखनऊ जनपद के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में वर्तमान में 704 आईसीयू बेड उपलब्ध हैं.


अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा ने बताया कि लखनऊ जनपद में विभिन्न मेडिकल कालेजों और संस्थानों में उपलब्ध आईसीयू बेड्स की संख्या में साप्ताहिक वृद्धि करते हुए तीन सप्ताह में 1000 आईसीयू बेड उपलब्ध कराया जायेगा. उन्होंने बताया कि एरा, इंटीग्रल व टीएस मिश्रा मेडिकल कॉलेज में आवश्यकतानुसार आईसीयू बेडों को बढ़ाते हुए 270 बेड किए जायेंगे जबकि हिन्द मेडिकल कालेज और लोकबन्धु चिकित्सालय में उपलब्ध आईसीयू बेड को बढ़ाकर 100 बेड्स किए गए हैं.